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SP MLA Rafiq Ansari Arrested : मेरठ से सपा विधायक रफीक अंसारी गिरफ्तार, कोर्ट ने जारी किए थे 100 से ज्यादा गैर जमानती वारंट, एक बार भी नहीं हुए पेश

SP MLA Rafiq Ansari Arrested : साल 1995 के एक मामले में गैर जमानती वारंट जारी होने के बावजूद पेश न होने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी के डीजीपी को आदेश दिया था कि वो रफीक अंसारी की गिरफ्तारी सुनिश्चित करें। इसके बाद मेरठ के एसएसपी ने सीओ सिविल लाइन के नेतृत्व में विधायक की गिरफ्तारी के लिए टीम गठित की थी। अंसारी को बाराबंकी से गिरफ्तार करने के बाद पुलिस उनको लेकर मेरठ रवाना हो गई।

नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी के मेरठ से विधायक रफीक अंसारी को आज पुलिस ने बाराबंकी से गिरफ्तार कर लिया। उनके खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी करते हुए यूपी के डीजीपी को आदेश दिया था कि वो रफीक अंसारी की गिरफ्तारी सुनिश्चित करें। इसके बाद मेरठ के एसएसपी ने सीओ सिविल लाइन के नेतृत्व में विधायक की गिरफ्तारी के लिए टीम गठित की थी। अंसारी को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस उनको लेकर मेरठ रवाना हो गई। सपा नेता के खिलाफ 1997 से 2015 के बीच 100 ज्यादा गैर-जमानती वारंट स्थानीय कोर्ट से जारी हुए थे, इसके बावजूद अदालत में पेश नहीं हुए।

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ विधायक रफीक अंसारी की फाइल फोटो

इस मामले में मेरठ पुलिस ने रफीक अंसारी के घर पर दबिश भी दी थी लेकिन वो घर पर नहीं मिले थे। इसके बाद पुलिस को उनके लखनऊ में होने की सूचना मिली। जब पुलिस टीम मेरठ से लखनऊ पहुंची तो पता चला कि वो बाराबंकी में हैं जहां से पुलिस ने सपा विधायक को गिरफ्तार कर लिया। साल 1995 में एक मामले में 40 अज्ञात लोगों के खिलाफ एक रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। पुलिस ने 22 आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने आरोप पत्र प्रस्तुत किया था इसमें सपा विधायक रफीक अंसारी का नाम भी था।

अदालत ने साल 1997 में इस मामले पर संज्ञान लिया था। इसके बाद से ही सपा विधायक के गैर जमानती वारंट जारी हुए और वह लगातार अदालत से गैर हाजिर चल रहे थे। स्थानीय अदालत के आदेश के खिलाफ रफीक अंसारी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपील की। रफीक के वकील ने तर्क दिया कि मामले में मूल रूप से आरोपित 22 आरोपितों को 15 मई, 1997 के फैसले में बरी कर दिया गया, इसलिए उनके खिलाफ कार्रवाई रद की जानी चाहिए। इलाहाबाद कोर्ट ने यूपी के डीजीपी को निर्देश दिया कि वह रफीक अंसारी के खिलाफ ट्रायल कोर्ट द्वारा पहले ही जारी किए गए गैर-जमानती वारंट की तामील सुनिश्चित करें।