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Swami Prasad Maurya: स्वामी प्रसाद को अब सपा के प्रवक्ता ने दी जुबान संभालने की नसीहत, हिंदुओं पर की थी विवादित टिप्पणी

Swami Prasad Maurya: सपा प्रवक्ता आईपी सिंह ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक पोस्ट लिखा है। जिसमें उन्होंने स्वामी प्रसाद मौर्य को हिदायत देते हुए कहा कि, धार्मिक मुद्दों पर हर दिन बोलने से बचना चाहिए आपने वर्षो पहले बौद्ध धर्म स्वीकार कर लिया था इसका यह मतलब कत्तई नहीं कि आप हिन्दू धर्म की लगातार आलोचना करें।

नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य अक्सर बेतुके बयान की वजह से विवादों में घिरे रहते है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने अब हिंदुओं पर विवादित कमेंट किया था। सपा नेता ने कार्यक्रम में कहा कि, हिंदू नाम का कोई धर्म है ही नहीं, हिंदू धर्म केवल धोखा है। सोशल मीडिया पर स्वामी प्रसाद का बयान वायरल होने के बाद अब नेताओं से लेकर सांधु संतों में आक्रोश देखने को मिल रहा है। सपा नेता के हिंदुओं पर विवादित कमेंट करने की हर कोई आलोचना कर रहा है। इसी बीच अब स्वामी प्रसाद मौर्य को समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय प्रवक्ता आईपी सिंह (IP Singh) ने ही जुबान संभालने की नसीहत दे डाली है। इसके साथ ही उन्होंने स्वामी प्रसाद के विवादित बयान को निजी बताया है।

Swami Prasad Maurya

सपा प्रवक्ता आईपी सिंह ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक पोस्ट लिखा है। जिसमें उन्होंने स्वामी प्रसाद मौर्य को हिदायत देते हुए कहा कि, धार्मिक मुद्दों पर हर दिन बोलने से बचना चाहिए आपने वर्षो पहले बौद्ध धर्म स्वीकार कर लिया था इसका यह मतलब कत्तई नहीं कि आप हिन्दू धर्म की लगातार आलोचना करें। आप 5 वर्ष बीजेपी में रहते हुए ये मुद्दे नहीं उठाये। आपके ऐसे विचारों से पार्टी हरगिज सहमत नहीं हो सकती ये आपके निजी विचार हो सकते हैं।

आगे आईपी सिंह ने लिखा, ”जातीय जनगणना पर लड़िये, आरक्षण का हक मार रही बीजेपी सरकार उसपर लड़िये। PDA की लड़ाई लड़िये। अति पिछड़े वर्ग, अति दलित वर्ग की लड़ाई लड़िये। BHU में पिछड़े वर्ग के छात्रों को छात्रावास मिले उसकी लड़ाई लड़िये।”

वहीं हिंदू धर्म पर स्वामी प्रसाद मौर्य के विवादित बयान पर भाजपा सांसद साध्वी निरंजन ज्योति ने भी पलटवार किया है। साध्वी निरंजन ज्योति ने स्वामी प्रसाद को जवाब देते हुए कहा, बिना अध्यात्म की जानकारी के बोलना गलत है।

गौरतलब है कि इससे पहले रोली मिश्रा तिवारी ने स्वामी प्रसाद मौर्य के रामचरितमानस पर दिए बयान को लेकर पार्टी के ही खिलाफ बगावती सुर अपनाए थे। जिसके बाद उन्हें समाजवादी पार्टी से निष्कासित कर दिया था।