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Sharad Pawar: विपक्षी दलों में फूट!, इस वजह से एक साथ एक मंच पर नजर आएंगे PM मोदी और शरद पवार

Sharad Pawar: उधऱ, महाराष्ट्र कांग्रेस के उपाध्य़क्ष मोहन जोशी ने कहा कि प्रधानमंत्री जब कार्यक्रम में शामिल होंगे, तो उन्हें काले झंडे दिखाए जाएंगे , क्योंकि वो मणिपुर हिंसा पर विराम लगाने में विफल साबित हुए हैं। बता दें कि बीते दिनों विपक्षी दलों का 20 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल हिंसाग्रस्त राज्य मणिपुर पहुंचा था।

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एनसीपी चीफ शरद पवार एक ही मंच पर नजर आने वाले हैं, जिसे लेकर चर्चाओं का बाजार गुलजार है। हालांकि, पहले खबर आई थी कि शरद पवार इस बैठक में शिरकत नहीं कर सकते हैं, लेकिन बाद में पवार के कार्यक्रम में शामिल होने की पुष्टि कर दी गई। बता दें कि यह पुष्टि तिलक स्मारक मंदिर ट्रस्ट की ओर से की गई। ट्रस्ट के उपाध्यक्ष रोहित तिलक ने बताया कि शरद पवार इस कार्यक्रम में शामिल होंगे, जहां सभी प्रतिभागियों को प्रधानमंत्री की मौजूदगी में पुरस्कृत किया जाएगा। मंदिर ट्रस्ट की ओर से स्पष्ट किया जा चुका है कि यह एक गैर-राजनीतिक कार्यक्रम है, जिसमें कोई भी राजनेता शामिल हो सकता है, लिहाजा इसे राजनीतिक चश्मे से देखा जाना उचित नहीं है। अब ऐस में सभी की निगाहें इस बात पर टिकी रहेंगी कि दोनों की ओर से कार्यक्रम में क्या बयान जारी किए जाते हैं?, संबोधन के दौरान किन मुद्दों का जिक्र किया जाता है?, वो भी ऐसी स्थिति में जब सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच मणिपुर मुद्दे को लेकर वार-प्रतिवार का सिलसिला तेज है।

SHARAD PAWAR

बता दें कि इस कार्यक्रम में पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता सुशील कुमार शिंदे सहित अन्य गणमान्य लोग शामिल होंगे। उधऱ, महाराष्ट्र कांग्रेस के उपाध्य़क्ष मोहन जोशी ने कहा कि प्रधानमंत्री जब कार्यक्रम में शामिल होंगे, तो उन्हें काले झंडे दिखाए जाएंगे , क्योंकि वो मणिपुर हिंसा पर विराम लगाने में विफल साबित हुए हैं। बता दें कि बीते शनिवार को विपक्षी दलों का 20 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल हिंसाग्रस्त राज्य मणिपुर पहुंचा था। इसके बाद विपक्षी दलों ने मणिपुर के राज्यपाल को पत्र लिखकर केंद्र पर दबाव बनाने की बात कही है।

ध्यान दें कि बीते दिनों हिंसाग्रस्त राज्य से एक वीडियो भी सामने आया जिसमें कुछ पुरुष दो महिलाओं को नग्न कराकर उनसे परेड कराते हुए नजर आ रहे थे। वहीं, अब इस मामले को संज्ञान में लेने के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसकी जांच सीबीआई को सौंप दी है। इतना ही नहीं,केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर मामले की जांच मणिपुर से बाहर कराए जाने की भी मांग की है।