नई दिल्ली। शायद आपको याद हो कि बीते दिनों केरल के अलाप्पुझा से एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था। इस वीडियो ने केंद्र से लेकर राज्य की राजनीति तक में उबाल ला दिया था। दरअसल, वीडियो में एक बच्चा केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ जहर उगलता हुआ नजर आ रहा था और महज वो बच्चा ही नहीं, बल्कि उसके साथ कई अन्य लोग भी ऐसा ही करते हुए नजर आ रहे थे और यह सब कुछ हो रहा था पीएफआई यानी की पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के तत्वावधान में बुलाई गई रैली में किया गया था। यह रैली केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ रोष प्रकट करने हेतु आयोजित की गई थी, जिसमें मुस्लिम संगठनों की ओर से कई प्रतिनिधियों ने अपनी मौजूदगी दर्ज कराई थी, लेकिन इस मौजूदगी के सहारे जिस तरह अभिव्यक्ति की नौका पर सवार होकर इन लोगों ने केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ जहर उगला था, उसे लेकर खूब हो-हल्ला हुआ था। किसी ने मोदी सरकार के खिलाफ जहर उगला था तो किसी ने आरएसएस के खिलाफ, तो किसी ने किसी कुछ, तो किसी ने कुछ। लेकिन, इस रैली में जिस तरह से केंद्र की मोदी सरकार पर अपनी भड़ास निकालने के लिए बच्चों का इस्तेमाल किया गया था, उसे लेकर काफी विवाद देखने को मिला था।
वहीं, अब खबर आई है कि जो बच्चा अपने पिता के कांधे पर बैठकर मोदी सरकार के खिलाफ जहर उगल रहा था, उसके पिता को केरल पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। फिलहाल, उससे सख्ती से पूछताछ की जा रही है। उसके बारे में जानकारी सामने आई है कि वो पीएफआई का कार्यकर्ता तो नहीं है, लेकिन आमतौर पर कई बड़े कार्यक्रमों हिस्सा लेता है। वो पीएफआई की विचारधारा से भी प्रभावित है। मिली जानकारी के मुताबिक, बच्चे के पिता की काफी लंबे समय से तलाश थी, लेकिन अब जाकर उसे गिरफ्तार किया गया है। वहीं, अभी तक इस मामले में 18 से 20 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। अभी सभी से सख्ती से पूछताछ की जा रही है, ताकि मामले के तह तक जाया जा सकें। लेकिन, अब इस पूरे मसले को लेकर बच्चे के माता-पिता ने बड़ा ही अजीबोगरीब बयान दिया है। उन्होंने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी, लेकिन सामने आए वीडियो में साफ दिख रहा है कि कैसे वो बच्चा अपने पिता के कांधे पर बैठकर केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ जहर उगल रहा है।
बता दें कि इस वीडियो को संज्ञान में लेने के उपरांत एनपीसीआर ने केरल पुलिस को भी नोटिस जारी कर कड़ी कार्रवाई का निर्देश दिया था, क्योंकि उन पर आरोप था कि उन्होंने रैली के दौरान भड़काऊ भाषण और नारेबाजी के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं की थी, बल्कि मूकदर्शक बनकर सब कुछ देख रहे थे। आपको बता दें कि पीएफआई की ओर से यह रैली ज्ञानवापी विवाद के बीच बुलाई गई थी। इससे पहले भी पीएफआई का हाथ कई दंगों में रह चुका है। कोई गुरेज नहीं यह कहने में कि पीएफआई एक तरह का आतंकी संगठन है, लेकिन अभी उसके खिलाफ कोई ऐसी ठोस कार्रवाई नहीं की गई है, उसके जैसे दूसरे संगठनों को कड़ा पैगाम जाए। अब ऐसी स्थिति में देखना होगा कि आगे चलकर पीएफआई को उसके किए की सजा मिल पाती है की नहीं। तब तक के लिए आप देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों से रूबरू होने के लिए पढ़ते रहिए। न्यूज रूम पोस्ट.कॉम