
नई दिल्ली। जमीन के बदले नौकरी घोटाला मामले में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने लालू यादव और उनके परिवार के सदस्यों को समन जारी कर व्यक्तिगत तौर पर पेशी का आदेश दिया है। अदालत ने लालू के अलावा उनके बेटे तेज प्रताप यादव, बेटी हेमा यादव को तलब किया है। इस मामले में ईडी चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। कोर्ट ने इससे पहले भी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए लालू यादव और उनके दोनों बेटों तेजस्वी और तेज को पेशी का समन जारी किया था।
पिछले साल 7 अक्टूबर को राउज एवेन्यू कोर्ट ने एक-एक लाख रुपए के निजी मुचलके पर लालू यादव, तेजस्वी और तेज प्रताप को पहले ही जमानत दे चुकी है। कोर्ट ने सभी को उनका पासपोर्ट जमा कराने का आदेश दिया था। ईडी ने हालांकि अपनी चार्जशीट में लालू के बड़े बेटे और बिहार के पूर्व शिक्षा मंत्री तेज प्रताप को आरोपी नहीं बनाया है मगर परिवार के सदस्य होने के चलते केस में उनकी भूमिका हो सकती है जिस कारण से उनको समन जारी किया गया है। तेज प्रताप को पहला समन 18 सितम्बर 2024 को पेश होने के लिए जारी किया गया था। इस मामले में ईडी ने लालू के अलावा उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटे तेजस्वी यादव, बेटी हेमा यादव समेत 78 आरोपियों को नामजद किया गया है।
यह घोटाला केंद्र में यूपीए सरकार के कार्यकाल में साल 2004 से 2009 के बीच हुआ जब लालू यादव केंद्रीय रेल मंत्री थे। लालू यादव पर आरोप है कि रेलवे में उस समय ग्रुप डी की भर्तियों में बिहार के युवाओं को नौकरी देने के बदले उनकी पैतृक जमीन ले ली गई। इन जमीनों को पहले एक कंपनी के नाम पर ट्रांसफर कराया गया और बाद में लालू के परिजनों के नाम पर उनकी रजिस्ट्री कर दी गई।