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SC Hearing on Gyanvapi: मु्स्लिम पक्ष को SC से दोहरा झटका, रखी थी ये दो मांगें, लेकिन शीर्ष अदालत ने दोनों ही कर ही खारिज

Gyanvapi issue to district court by SC :आज ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान हिंदू, मुस्लिम और यूपी सरकार से संदर्भित पक्षकारों ने अपने तर्क पेश किए। लेकिन सुप्रीम इन तमाम तर्कों के निष्कर्ष पर पहुंचने के बाद इस मामले को जिला अदालत को भेज दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जिला जज प्राथमिकता के आधार पर इस मसले की सुनवाई करे।

नई दिल्ली। आज यानी की शुक्रवार को ज्ञानवापी मस्जिद मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान हिंदू-मुस्लिम व यूपी सरकार के वकीलों ने अपने पक्ष रखें। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सभी के पक्षों का जवाब दिया। इस बीच जहां मुस्लिम पक्षों ने विभिन्न पक्षों को रखकर अपने दावे को विश्वनीय बनाए रखने की कोशिश की। लेकिन इस पूरी सुनवाई के निष्कर्षस्वरूप दो बिंदू प्रमुख तौर पर उभकर सामने आए हैं। पहला यह है कि सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष के वकील की मांग को खारिज करते हुए मामले को जिला जज को भेज दिया। बता दें कि मुस्लिम पक्ष का लगातार यह कहना था कि इस मामले की सुनवाई शीर्ष अदालत ही करे। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने जिला जज के 25 वर्ष के अनुभव को तरजीह देते हुए मामले को जिला जज को भेज दिया है। तो इस तरह से आप कह सकते हैं कि शीर्ष अदालत ने मुस्लिम पक्ष की पहली मांग को अपने तार्कित तथ्यों के साथ खारिज कर दिया। लेकिन इस बीच कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर जिला जज की सुनवाई के परिणामस्वरूप मुस्लिम पक्ष संतोष नहीं होता है, तो सुप्रीम कोर्ट में आ सकता है, चूंकि वैसे भी वर्तमान में पूरा माजरा अभी सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है ही। तो यह तो रही पहली मांग जिसे शीर्ष अदालत ने सिरे से खारिज कर दिया है। चलिए, अब आगे की रिपोर्ट में मुस्लिम पक्ष की उस दूसरी मांग के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे शीर्ष अदालत ने सिरे से खारिज कर दिया है।

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वहीं, मुस्लिम पक्ष द्वारा की जाने दूसरी मांग को समझने से पहले आप पहले यह जान लीजिए कि सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी से जुड़े तमाम पक्षकारों की दलीलों को सुनने के उपरांत अब मामले की सुनवाई आगामी आठ सप्ताह के लिए टाल दी है। बता दें कि अब उपरोक्त मामले की सुनवाई आगामी जुलाई माह में होगी। इस बीच मुस्लिम पक्ष ने अदालत के समक्ष अपनी मांग रखते हुए कहा कि इन आठ हफ्तों के दौरान शिवलिंग की यथास्थिति को वापस लाई जाए। मतलब…वर्तमान में जहां वजूखाने में जहां भारी संख्या में  सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है। शिवलिंग के सुरक्षा की व्यवस्था की गई है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट द्वारा मामले की सुनवाई आगामी 8 हफ्ते के बाद मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट के समक्ष मांग रखी कि वजूखाने को पहली जैसी स्थिति में तब्दील किया जाए। परोक्ष रूप से मुस्लिम पक्ष का कहना था कि सुरक्षा व्यवस्था को वापस लिया जाए। लेकिन कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की इस मांग को भी सिरे से खारिज कर दिया है। तो इस तरह से आपने देखा कि कैसे सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्षों की दोनों ही मांगों को सिरे से खारिज कर दिया है।

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बता दें कि आज ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान हिंदू, मुस्लिम और यूपी सरकार से संदर्भित पक्षकारों ने अपने तर्क पेश किए। लेकिन सुप्रीम इन तमाम तर्कों के निष्कर्ष पर पहुंचने के बाद इस मामले को जिला अदालत को भेज दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जिला जज प्राथमिकता के आधार पर इस मसले की सुनवाई करे। इस दौरान मुस्लिम पक्ष ने जिला द्वारा कमीशन गठित करने की मांग को गलत भी बताया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की इस दलील को सिरे से खारिज कर दिया। आपको बता दें कि इस दौरान मुस्लिम पक्ष ने शीर्ष अदालत में प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट का भी हवाला दिया, लेकिन इस बीच  हिंदू पक्षों ने कहा कि इस तरह के मुद्दे भी पहले भी उठाए जाते रहे हैं। इस पर शीर्ष न्यायालय ने कहा कि यह मुद्दा मालिकाना हक का है। बहरहाल, अब जब यह सभी तथ्य जिला जज के सामने आएंगे, तो कोर्ट की तरफ से इस पूरे मसले पर क्या कुछ फैसले लिए जाते हैं। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। तब तक के लिए आप देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों से रूबरू होने के लिए आप पढ़ते रहिए। न्यूज रूम पोस्ट.कॉम