
नई दिल्ली। टीम इंडिया के पूर्व बल्लेबाज और पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) को गुरुवार को बड़ा झटका लगा है। दरअसल, 1988 रोड रेज मामले में नवजोत सिंह सिद्धू को सुप्रीम कोर्ट के लिए बुरी खबर आई है। कोर्ट ने 34 साल पुराने केस ने अपना फैसला बदला दिया है। कोर्ट ने रोड रेज मामले में उन्हें एक साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। जिसके बाद अब कांग्रेस नेता सिद्धू को या तो गिरफ्तार किया जाएगा या फिर वो आत्मसमर्पण करेंगे। बता दें कि इससे पहले उन्हें महज एक हजार रुपये का जुर्माना लगाकर छोड़ दिया था। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने नवजोत सिंह सिद्धू को सजा के 24 पन्नों के ऑर्डर पर संस्कृति के श्लोक का जिक्र भी किया है।
“यथावयो यथाकालं यथाप्राणं च ब्राह्मणे।
प्रायश्चितं प्रदातव्यं ब्राह्मणैर्धर्धपाठकै:।।
येन शुद्धिमवाप्रोति न च प्राणैर्विज्युते।
आर्ति वा महती याति न चचैतद् व्रतमहादिशे।।’
दरअसल, इसका मतलब प्राचीन धर्म शास्त्र को लेकर है। जिसका अर्थ किसी पापी इंसान की उम्र, समय और शारीरिक क्षमता के अनुसार उसको दंड देनैे से होता है। हालांकि, दंड से मतलब ऐसा भी नहीं है कि जिसमें अपराधी का मौत हो जाए। ये दंड अपराधी को केवल उसे सुधारने और उसकी सोच को सही करने के लिए होता है। इसमें बताया गया है कि अपराधी के प्राणों को संकट में डालने वाली सजा देना किसी भी मायने में सही नहीं है।
उधर, सुप्रीम कोर्ट से सजा मिलने पर जब मीडिया वालों ने उनसे सवाल पूछा तो कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि ‘No comment’।
#WATCH | Chandigarh: “No comment,” says Congress leader Navjot Singh Sidhu upon being asked about Supreme Court sentencing him to one-year rigorous imprisonment in a three-decade-old road rage case. pic.twitter.com/tzhDo99kO0
— ANI (@ANI) May 19, 2022
जानिए क्या है मामला-
आपको बता दें कि यह मामला करीब 34 साल पुराना है। जब सिद्धू और उनके दोस्त का पटियाला में पार्किंग को लेकर एक बुजुर्ग से वाद विवाद हो गया था। इतना ही नहीं बात इतनी बढ़ गई कि उनके बीच हाथापाई की नौबत तक आ गई थी। इस मारपीट में 65 साल के गुरनाम सिंह नामक बुजुर्ग शख्स के सिरे पर चोट लग गई थी। अस्पताल में इलाज के दौरान बुजुर्ग की मौत हो गई थी। जिसके बाद पंजाब पुलिस ने कांग्रेस नेता सिद्धू और उनके मित्र के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज कर लिया था। पुलिस ने यह भी आरोप लगाया था कि नवजोत सिद्धू मौके से फरार हो गए थे।