
नई दिल्ली। बीते कई दिनों से केंद्र सरकार की सेना में नई भर्ती ‘अग्निपथ’ योजना को लेकर घमासान देखने को मिल रहा है। युवाओं ने इस योजना के विरोध में सड़क पर उतरकर पर रोष जाहिर किया था। लेकिन युवाओं के बहाने उपद्रवियों ने कई राज्यों में सरकारी संपत्तियों को जमकर नुकसान पहुंचाया। वहीं अग्निपथ योजना को लेकर विपक्ष दल जमकर राजनीतिक रोटियां भी सेंक रहे हैं। इसी बीच अब मंगलवार को अग्निपथ स्कीम पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा आदेश दिया है। दरअसल, केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता ने अग्निपथ योजना को रद्द किए जाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि इस मामले की सुनवाई पहले हाईकोर्ट में हो। हाईकोर्ट से फैसला आए तो बेहतर होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते कहा कि इस मामले लंबित पड़े सारे केस अपने पास ट्रांसफर कर लें। या फिर बेहतर हो इतने सारे जटिल मामले में किसी हाईकोर्ट का व्यू हमें देखने को मिले। ताकि सुनवाई में आगे हमें मदद मिले। सुप्रीम कोर्ट ने अपने पास पड़े हुए लंबित दिल्ली हाई कोर्ट को भेज दिए है और सभी जो दूसरे हाईकोर्ट में याचिकाकर्ता है उनसे कहा कि वो अपने सुनवाई के लिए चाहे दिल्ली हाईकोर्ट में आवेदन कर दें। यानि की अब पहले तमाम याचिकाओं पर दिल्ली हाईकोर्ट सुनवाई करेगा। उसके बाद ही दिल्ली हाईकोर्ट सुनवाई करेगा।
इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि अगर भविष्य में इस मामले पर एपलिकेशन आएगा। तो हम उसे दिल्ली हाईकोर्ट ही भेजेंगे। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने अभी इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई के लिए कोई समय सीमा तय नहीं किया है।
क्या है अग्निपथ योजना-
बता दें कि 14 जून को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ तीनों सेना प्रमुखों ने अग्निपथ योजना को लॉन्च किया था। जिसके तहत युवाओं को देश की सेवा करने के लिए चार साल का मौका मिलेगा। जिसमें 25 प्रतिशत लोगों को सेना में परमानेंट रख लिया जाएगा।