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Supreme Court On Delhi Water Crisis : जल संकट से जूझ रहे दिल्लीवासियों को सुप्रीम राहत, हिमाचल को अतिरिक्त पानी छोड़ने का आदेश

Supreme Court On Delhi Water Crisis : सर्वोच्च अदलात ने हरियाणा को इसमें सहयोग करने का निर्देश दिया है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को पानी की बर्बादी नहीं करने की सलाह देते हुए सोमवार 10 जून तक इस मामले में स्टेटस रिपोर्ट मांगी है।

नई दिल्ली। दिल्ली में जारी जल संकट को दूर करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के लोगों के लिए राहत भरा आदेश दिया है। सर्वोच्च अदालत ने हिमाचल प्रदेश के पास उपलब्ध अतिरिक्त जल को दिल्ली को देने और हरियाणा को इसमें सहयोग करने का निर्देश दिया है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को पानी की बर्बादी नहीं करने की सलाह देते हुए सोमवार 10 जून तक इस मामले में स्टेटस रिपोर्ट मांगी है।

सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश राज्य को उसके पास उपलब्ध 137 क्यूसेक अधिशेष पानी दिल्ली के लिए छोड़ने को बोला। वहीं हरियाणा को निर्देश दिया कि वह राष्ट्रीय राजधानी में पेयजल संकट को कम करने के लिए हथिनीकुंड से वजीराबाद तक अधिशेष पानी को दिल्ली तक निर्बाध रूप से प्रवाहित करने की सुविधा प्रदान करे। सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश को हरियाणा को पूर्व सूचना देकर 7 जून को अधिशेष पानी छोड़ने को कहा है। इसमें ऊपरी यमुना नदी बोर्ड से हथिनीकुंड में हिमाचल प्रदेश द्वारा छोड़े गए पानी को मापने के लिए भी कहा गया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हरियाणा सरकार ने यह कहते हुए आपत्ति जताई कि उसके पास यह जानने का तरीका नहीं है कि हिमाचल से हथिनीकुंड तक कितना पानी पहुंचा।

कोर्ट ने इसके जवाब में कहा कि आदेश दिया जा चुका है, अब सोमवार को इस मामले में अपनी स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करना। हरियाणा के विरोध वाले सवाल पर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस प्रशांत मिश्रा ने कहा कि पानी हिमाचल से आ रहा है, हरियाणा से नहीं, इसमें आपको क्या दिक्कत है? वहीं जस्टिस विश्वनाथन ने कहा कि अगर हम इतने गंभीर मुद्दे पर संज्ञान नहीं लेते हैं तो क्या होगा? सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि पानी जैसे गंभीर मामले पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। आपको बता दें कि पिछले कुछ समय से दिल्ली में जल संकट गहरा रहा है जिसके चलते दिल्ली सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर पड़ोसी राज्यों से अतिरिक्त पानी की मांग गई है।