नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल (West Bengal) विधानसभा में विपक्ष के नेता शभेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) से मुलाकात की। सूत्रों ने कहा कि अधिकारी ने शाह और नड्डा को विधानसभा चुनावों में ममता बनर्जी सरकार को हटाने के असफल प्रयास के बाद भगवा कैडर में व्याप्त भावना से अवगत कराया। भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने अधिकारी को दिल्ली बुलाया था और वह सोमवार रात पहुंचे। बुधवार को उनके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने की उम्मीद है। शुभेंदु अधिकारी दोपहर 12 बजे पीएम से मिलेंगे।
Met the Honourable Union Home Minister @AmitShah Ji .
Discussed on several matters and seeked blessings for Bengal .
Honourable HM assured, he was and he will be there for Bengal always . pic.twitter.com/K7fzCjjNCu— Suvendu Adhikari • শুভেন্দু অধিকারী (@SuvenduWB) June 8, 2021
सुबह अधिकारी ने शाह से उनके आवास पर मुलाकात की और पश्चिम बंगाल से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की। बैठक के बाद, अधिकारी ने ट्वीट किया : कई मामलों पर चर्चा की और बंगाल के लिए आशीर्वाद मांगा। माननीय एचएम ने आश्वासन दिया, वह हमेशा बंगाल के लिए थे और रहेंगे।
बाद में शाम को अधिकारी ने नड्डा से उनके आवास पर मुलाकात की। बैठक के बाद उन्होंने ट्वीट किया, भाजपा के माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा जी से मिलकर खुशी हुई। बंगाल के महत्वपूर्ण मुद्दों और इसके समाधान पर चर्चा की। निश्चिंत रहें कि पार्टी हर कार्यकर्ता के साथ हर समय है।
Glad to meet the Honourable National President of BJP Shri @JPNadda Ji.
Discussed on the critical issues of Bengal and it’s solution.
Be rest assured that party is beside each and every karyakarta all the time . pic.twitter.com/D3l5cDyjx9
— Suvendu Adhikari • শুভেন্দু অধিকারী (@SuvenduWB) June 8, 2021
सूत्रों ने यह भी कहा कि अधिकारी ने भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व को उन नेताओं के एक वर्ग में अशांति के बारे में भी जानकारी दी, जो विधानसभा चुनाव से पहले भगवा खेमे में शामिल हो गए थे और अब तृणमूल कांग्रेस में वापसी की योजना बना रहे हैं। पता चला है कि अधिकारी ने पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को चुनाव के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ हुई हिंसा के बारे में भी जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि तृणमूल कार्यकर्ताओं के हमले के बाद दूसरे राज्यों में शरण लेने वाले कैडरों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने की योजना भी सामने आई।