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Karnataka Swearing In: कर्नाटक में आज से सिद्धारामैया सरकार, शिवकुमार होंगे डिप्टी, 8 विधायक भी लेंगे शपथ

बेंगलुरु के कांटेरावा स्टेडियम में दोपहर 12.30 बजे नई सरकार का शपथग्रहण होने जा रहा है। सिद्धारामैया एक बार फिर कर्नाटक के सीएम पद की शपथ लेंगे। वो साल 2013 से 2018 तक कर्नाटक के सीएम रह चुके हैं। सिद्धारामैया के अलावा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार को डिप्टी सीएम की शपथ दिलाई जाएगी।

बेंगलुरु। कर्नाटक में आज से सिद्धारामैया सरकार होने जा रही है। बेंगलुरु के कांटेरावा स्टेडियम में दोपहर 12.30 बजे नई सरकार का शपथग्रहण होने जा रहा है। सिद्धारामैया एक बार फिर कर्नाटक के सीएम पद की शपथ लेंगे। वो साल 2013 से 2018 तक कर्नाटक के सीएम रह चुके हैं। सिद्धारामैया के अलावा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार को डिप्टी सीएम की शपथ दिलाई जाएगी। वहीं, सूत्रों के मुताबिक सिद्धारामैया और शिवकुमार के करीब 8 विधायकों को भी मंत्री पद की शपथ आज ही दिलाई जाएगी। शुक्रवार को दिल्ली पहुंचकर सिद्धारामैया और शिवकुमार ने कांग्रेस आलाकमान से बात कर मंत्रियों के नाम फाइनल किए थे।

Siddaramaiah

शपथग्रहण में हिस्सा लेने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन, बिहार के सीएम नीतीश कुमार और उनकी सरकार में डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, एनसीपी चीफ शरद पवार, उद्धव ठाकरे, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, फारुक अब्दुल्ला, सीपीआई के डी. राजा और सीपीएम के सीताराम येचुरी को न्योता दिया था। ममता खुद के व्यस्त होने का हवाला देकर अपनी सांसद काकोली घोष दस्तिदार को भेज रही हैं। वहीं, अखिलेश यादव ने भी कहा है कि वो व्यस्त हैं और शपथग्रहण में नहीं जा सकेंगे।

mamata banerjee and akhilesh yadav
ममता बनर्जी और अखिलेश यादव ने कहा है कि व्यस्त होने के कारण सिद्धारामैया सरकार के शपथग्रहण में नहीं जाएंगे।

कांग्रेस की तरफ से बीजेडी प्रमुख और ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक, केरल के सीएम पिनरई विजयन, तेलंगाना के सीएम और बीआरएस प्रमुख के. चंद्रशेखर राव, आंध्र प्रदेश के सीएम और वाईएसआरसीपी चीफ जगनमोहन रेड्डी और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को सिद्धारामैया सरकार के शपथग्रहण के लिए न्योता नहीं दिया गया। ये सभी नेता विपक्ष के ही हैं, लेकिन कांग्रेस से इनका अमूमन छत्तीस का आंकड़ा रहा है। ऐसे में लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी एकता की कोशिशों पर एक बार फिर सवाल खड़ा हुआ है।