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Flood In Delhi: दिल्ली में भयानक बाढ़ पर केजरीवाल सरकार के सिस्टम ने खड़े किए हाथ!, सेना के साथ लेफ्टिनेंट गवर्नर ने जुटकर दिलाई राहत

दिल्ली की सत्ता पर काबिज अरविंद केजरीवाल के मंत्री दौरे करते तो कई बार दिखे, लेकिन दिखा यही कि दिल्ली सरकार के सिस्टम ने दिल्ली में लोगों को बाढ़ से राहत दिलाने के नाम पर हाथ खड़े कर दिए। ऐसे में सेना को बुलाना पड़ा और दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर वीके सक्सेना शुक्रवार देर रात तक मौके पर मौजूद रहे।

नई दिल्ली। दिल्ली में 48 साल बाद भीषण बाढ़ आई। यमुना नदी का पानी 208 मीटर से ऊपर बहने लगा। लालकिले से लेकर सुप्रीम कोर्ट और आईटीओ तक सड़कों और घरों में लबालब पानी भर गया। इस दौरान दिल्ली की सत्ता पर काबिज अरविंद केजरीवाल के मंत्री दौरे करते तो कई बार दिखे, लेकिन दिखा यही कि दिल्ली सरकार के सिस्टम ने दिल्ली में लोगों को बाढ़ से राहत दिलाने के नाम पर हाथ खड़े कर दिए। ऐसे में सेना को बुलाना पड़ा और केंद्र सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर वीके सक्सेना शुक्रवार देर रात तक मौके पर मौजूद रहे। दरअसल, आईटीओ बैराज पर स्लुइस गेट जाम हो गए थे। इसकी वजह से दिल्ली में पानी भर रहा था। केजरीवाल सरकार के मंत्रियों ने इसका ठीकरा हरियाणा सरकार पर फोड़ दिया। उनका आरोप था कि ये बैराज हरियाणा सरकार देखती है, लेकिन वो कुछ कर नहीं रही।

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वहीं, पीएम नरेंद्र मोदी ने फ्रांस से फोन पर गृहमंत्री अमित शाह और दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर से बाढ़ से गंभीर हुए हालात पर बात की और हर तरह से लोगों को राहत देने के लिए कदम उठाने को कहा। फिर अपने सिस्टम के नाकाम साबित होने के बाद दिल्ली सरकार ने सेना से मदद मांगी। सेना के इंजीनियर टास्क फोर्स के जावान मौके पर पहुंचे। उन्होंने बड़ी मशक्कत के बाद डब्ल्यूएचओ बिल्डिंग के पास आईएंडएफसी रेगुलेटर पर बांध की बहाली का काम पूरा किया। आईटीओ बैराज के 5 जाम गेट भी किसी तरह सेना के जवानों ने खोल दिए। लेफ्टिनेंट गवर्नर वीके सक्सेना इस दौरान देर रात तक मौजूद रहे और सेना के जवानों और मजदूरों को प्रोत्साहित करते रहे। दिल्ली को बाढ़ से बचाने के लिए सेना की इंजीनियरिंग कोर के 3 अफसर, 6 जेसीओ और 45 जवानों के साथ मजदूरों को लगाया गया था।

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दरअसल, दिल्ली सरकार के आईएंडएफसी के रेगुलेटर का जीर्णोद्धार चल रहा था। ये गुरुवार शाम को ढह गया था। इसकी वजह से डब्ल्यूएचओ बिल्डिंग, आईटीओ, इंद्रप्रस्थ मेट्रो स्टेशन, रिंग रोड और आईपी एस्टेट में यमुना का पानी भर गया था और ये पानी मथुरा रोड और सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंचा था। आईएंडएफसी का रेगुलेटर पहले ही खराब हालत में था। इससे वो यमुना में उफान को रोक नहीं सका और झुक गया। फिलहाल दिल्ली में यमुना का उफान अब धीरे-धीरे कम हो रहा है। सुबह मिली जानकारी के मुताबिक यमुना नदी का जलस्तर 207 मीटर से कुछ ऊपर है। हालांकि, अभी भी ये खतरे के निशान के पार बह रही है।