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मौलाना साद को पकड़ने के लिए पुलिस और डॉक्टर्स मिलकर करने जा रहे हैं कुछ ऐसा!

निजामुद्दीन बस्ती स्थित मरकज तबलीगी जमात मुख्यालय के मुखिया मौलाना मो. साद कांधलवी को पकड़ने की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। खबरें आ रही हैं कि, क्राइम ब्रांच की टीम मौलाना मो. साद और उनके साथ एफआईआर में नामजद बाकी लोगों से पूछताछ को सोमवार की शाम या फिर मंगलवार को ही मौलाना साद के अड्डे पर धमक सकती है।

नई दिल्ली। निजामुद्दीन बस्ती स्थित मरकज तबलीगी जमात मुख्यालय के मुखिया मौलाना मो. साद कांधलवी को पकड़ने की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। खबरें आ रही हैं कि, क्राइम ब्रांच की टीम मौलाना मो. साद और उनके साथ एफआईआर में नामजद बाकी लोगों से पूछताछ को सोमवार की शाम या फिर मंगलवार को ही मौलाना साद के अड्डे पर धमक सकती है। खास बात यह है कि, पूछताछ के दौरान क्राइम ब्रांच की टीम अपने साथ डॉक्टर्स की टीम भी रख सकती है, ताकि ऐन मौके पर मौलाना और उसके साथी किसी भी बहाने का सहारा न ले पायें।

Maulana Saad

यह तमाम महत्वपूर्ण जानकारियां रविवार को दिल्ली पुलिस अपराध शाखा सूत्रों से ही आईएएनएस के हाथ लगीं। दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की टीम को आशंका है कि, ऐन वक्त पर मौलाना मो. साद पुलिस का सामना करने से बचने के लिए कई बहाने बना सकता है।

मसलन, वो अभी तुरंत होम कोरोंटाइन से बाहर निकला है। लिहाजा ऐसे में तुरंत पूछताछ में सहयोग दे पाने में असमर्थ है। साथ ही मौलाना साद दूसरे बहाने के बतौर 13-14 होम कोरोंटाइन में रहने के चलते जमात मुख्यालय के बारे में कुछ न मालूम होने और अपने सहयोगियों से बातचीत करने के लिए भी टाइम मांगने का बहाना कर सकता है।

मौलाना मो. साद के इन तमाम बहानों की क्राइम ब्रांच के पास क्या काट होगी? आईएएनएस के सवाल के जबाब में नाम उजागर न करने की शर्त पर दिल्ली पुलिस अपराध शाखा के उच्चाधिकारी ने कहा, 10-12 दिन से मौलाना होम-कोरोंटाइन में और क्या कर रहे हैं। काफी इंतजार कर लिया है। हम सोच रहे हैं कि बस हमारी टीम में कुछ मेडिकल विशेषज्ञ और आ जायें। बाकी सब ठीक हो जायेगा. मौलाना का अब तक रवैया टाल-मटोल वाला ही रहा है।

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होम-कोरोंटाइन के दौरान मौलाना साद और उसके साथियों ने कानून का सहारा लेकर अग्रिम जमानत का भी इंतजाम तो किया होगा? पूछने पर इसी अधिकारी ने कहा, कानून सबके लिए मुहैया है। जो भी हो आरोपियों को हमारे नोटिसों के जबाब में इंवेस्टीगेशन तो ज्वाइन करना ही होगा। अब तक हमें यही बताया जाता रहा है कि, मुख्य आरोपी होम कोरोंटाइन है। होम कोरोंटाइन का वक्त गुजरने के बाद पुलिस मुख्य आरोपी से पूछताछ कर सकती है।

मौलाना साद ने पूछताछ के लिए जमात मुख्यालय की च्वाइस खुद पुलिस को दी है। कई दिन पहले, आरोपी जो कहेगा वो होगा या फिर पुलिस जैसा चाहेगी? पूछने पर अपराध शाखा के एक अधिकारी ने कहा, पुलिस जहां चाहेगी वहीं पूछताछ होगी। पूछताछ कहां होगी यह इंपोर्टटेंट नहीं है। हमें जहां ठीक लगेगा पूछताछ कर लेंगे। मौलाना साद होम कोरोंटाइन हुआ था, फिर उसके साथ नामजद बाकी आरोपी क्राइम ब्रांच के सामने क्यों नहीं पेश हुए या फिर क्राइम ब्रांच ने अब तक उनकी गिरफ्तारी क्यों नहीं की?

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इस सवाल के जबाब में मरकज मामले की जांच में जुटी टीम के ही एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, हमें जो कुछ इकट्ठा करना था कर चुके हैं। अब मौलाना साद और उनके साथ मुकदमें में नामजद लोगों को आमने सामने बैठाकर पूछताछ करना जरुरी है। संभव है कि, पहल सभी आरोपियों से अलग अलग बातचीत की जाये। उसके बाद सामना कराया जाये।

मौलाना साद से आमना-सामना होने पर पहला सवाल क्या होगा? पूछे जाने पर क्राइम ब्रांच के सूत्रों ने कहा, थाना पुलिस, एसडीएम, डब्ल्यूएचओ की टीम, दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग की टीमों के बार-बार आगाह करने के बाद भी आखिर मरकज के अंदर हजारों लोगो की मौजूदगी क्यों और किसकी शह पर बनी रही थी?

10-12 दिन की होम कोरोंटाइन अवधि में जाने से पहले ही मौलाना और उनके साथियों ने क्या सबूत बाकी छोड़े होंगे? पूछे जाने पर क्राइम टीम के ही एक सदस्य ने कहा, इस वक्त हमें सबतों की नहीं आरोपियों की जरुरत है. आरोपियों के बयान पर काफी कुछ आगे की लाइन क्लियर होगी।

मौलाना बार-बार मरकज में पुलिस टीम से क्यों मिलना चाह रहे हैं? पुलिस को पता है कि मौलाना साद कहां है? फिर भी अभी तक मौलाना से पूछताछ में ढुलमुल रवैया क्यों? पूछे जाने पर अपराध शाखा के अफसर ने कहा, यह सब खबरें मीडिया की हैं। हमें जो जांच करना है हम कर रहे हैं। मौलाना से क्या, कब और कहां पूछना है? सब कुछ हमारे पास तैयार है। अभी तक सिर्फ होम कोरोंटाइन अवधि पूरी होने का इंतजार कर रहे हैं। क्योंकि महामारी के जो हालात हैं उसमें सोशल डिस्टेंसिंग महत्वपूर्ण है।

होम कोरोंटाइन अवधि में क्या मौलाना ने कुछ मेडिकल जांच भी कराई है? उसके दस्तावेज भी भी सीज किये गये हैं? पूछने पर क्राइम ब्रांच अफसर ने कहा, मीडिया और हमारे काम करने के तरीके में फर्क है। अभी इस बारे में कुछ बोलना ठीक नहीं है।”