चेन्नई। आतंकी संगठन लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) के चीफ रहे वेलुपिल्लै प्रभाकरन के मसले पर तमिलनाडु कांग्रेस दो फाड़ होती दिख रही है। तमिलनाडु कांग्रेस के नेता पाझा नेदुमारन ने सोमवार को दावा किया था कि प्रभाकरन, उसकी पत्नी और बेटी जिंदा है। नेदुमारन ने कहा था कि सही वक्त पर लिट्टे चीफ रहा प्रभाकरन अपने परिवार के साथ दुनिया के सामने आएगा। नेदुमारन के इसी दावे पर तमिलनाडु कांग्रेस प्रमुख केएस अलागिरी ने तंज कसा है। अलागिरी ने चुटकी ली और कहा कि इस खबर से मैं खुश हूं। प्रभाकरन सामने आता है, तो मैं उससे मिलूंगा। मुझे उससे कोई दिक्कत नहीं है।
Tamil nationalist movement leader Pazha Nedumaran claims on Monday, 13 February that LTTE leader Velupillai Prabhakaran is alive and well. It was believed that Prabhakaran was slain by Sri Lankan forces in May 2009, when photos of his body were released. @TheQuint pic.twitter.com/bE6wO9QlLL
— Nikhila Henry (@NikhilaHenry) February 13, 2023
लिट्टे को श्रीलंका का सबसे खतरनाक आतंकी संगठन माना जाता था। लिट्टे ने अलग तमिल देश के लिए श्रीलंका सरकार के खिलाफ हथियार उठाए थे। वेलुपिल्लै प्रभाकरन लिट्टे का चीफ था। श्रीलंका में संघर्ष खत्म करने के लिए भारत ने 29 जुलाई 1987 को शांति समझौते पर दस्तखत कराए थे, लेकिन लिट्टे ने धोखा दिया और भारत के तमाम जवानों को शहीद किया। प्रभाकरन के इशारे पर ही पीएम रहे राजीव गांधी की हत्या भी की गई। जबकि, नेदुमारन जब सोमवार को प्रभाकरन के जीवित होने का दावा कर रहे थे, तो काफी खुश और उत्साहित दिख रहे थे। इस पर केएस अलागिरी ने तंज कसा।
‘பிரபாகரனை நேரில் காட்ட சொல்லுங்கள் சந்திக்கிறேன்’
– தமிழ்நாடு காங்கிரஸ் கமிட்டி தலைவர் கே.எஸ்.அழகிரி.#KSAlagiri | #PressMeet | #Congress pic.twitter.com/rE5gzVCHnO— PuthiyathalaimuraiTV (@PTTVOnlineNews) February 13, 2023
नेदुमारन की तरफ से लिट्टे चीफ रहे प्रभाकरन और उसके परिवार के जीवित होने के दावे को श्रीलंका के रक्षा मंत्रालय ने झुठला दिया है। श्रीलंका के रक्षा मंत्रालय ने लिट्टे चीफ के जिंदा होने की बात को मजाक बताया और उसके डीएनए सबूत का हवाला भी दिया। श्रीलंका की सेना ने 17 मई 2009 को एक बड़े सैन्य ऑपरेशन में लिट्टे प्रमुख प्रभाकरन को मार गिराया था। जिसके बाद ही श्रीलंका में तमिलों और सिंहली निवासियों के बीच गृहयुद्ध खत्म हुआ था। इससे पहले भी कई बार प्रभाकरन के जीवित होने के दावे किए जाते रहे हैं, लेकिन अब तक उसके फिर से प्रकट होने के तमाम दावे झूठे ही साबित हुए हैं।