
नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन को लेकर पार्टी के भीतर ही अब असंतोष के सुर उठने शुरू हो गए हैं। आपको बता दें कि पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने पार्टी को लेकर पहले ही सवाल दागने शुरू कर दिये थे। इसी क्रम में कांग्रेस के दिग्गज नेता कपिल सिब्बल भी सवालिया निशान खड़े कर चुके हैं। ऐसे में तारिक अनवर ने भी पार्टी को लेकर कुछ ऐसा बयान दिया है जो कि ‘पार्टी के अंदर सबकुछ सही नहीं है’ की तरफ इशारा कर रहा है। बता दें कि इससे पहले गुलाम नबी आजाद ने पार्टी की मौजूदा हालत पर कहा था कि, “हमारा ढ़ांचा कमजोर है, हमें ढ़ांचा पहले खड़ा करना पड़ेगा। फिर उसमें कोई भी नेता हो चलेगा। सिर्फ नेता बदलने से आप कहेंगे कि पार्टी बदल जाएगी, बिहार आएगा, मध्य प्रदेश आएगा, उत्तर प्रदेश आएगा, नहीं वो सिस्टम से बदलेगा।”
कपिल सिब्बल ने कहा था
वहीं कपिल सिब्बल ने पार्टी के कमजोर प्रदर्शन को लेकर कहा था कि, “कांग्रेस पार्टी डेढ़ साल से बिना अध्यक्ष के कैसे काम कर रही है और पार्टी के कार्यकर्ता शिकायत लेकर कहां जाएं?” बता दें कि ऐसे बड़े नेताओं द्वारा उठाए गए सवाल को देखते हुए चर्चा तेज है कि कांग्रेस पार्टी के भीतर सबकुछ ठीक नहीं है। बड़े नेताओं असंतोष का माहौल है।
तारिक अनवर ने कहा..
वहीं अब तारिक अनवर ने भी कांग्रेस की कमजोर हालत पर तीर छोड़ा है। सोमवार को उन्होंने पार्टी की कमियों को लेकर पूरे कांग्रेस नेतृत्व और उसके सदस्यों को जिम्मेदार ठहराया। अनवर ने नबी आज़ाद के बयान का समर्थन कररते हुए कहा कि पार्टी को विशेष रूप से किसी को दोषी ठहराने के बजाय सामूहिक रूप से अपनी कमियों को दूर करने पर काम करना चाहिए।
गुलाम नबी आजाद के बयान पर तारिक अनवर ने कहा कि, “गुलाम नबी आज़ाद काफी हद तक सही हैं, लेकिन वे भी असफलता के लिए जिम्मेदार हैं और मैं भी। अगर सभी नेता जिम्मेदारी से काम करते, तो कांग्रेस को चुनाव में हार का सामना नहीं करना पड़ता।”
पार्टी की कमजोर हालत पर अनवर ने कहा कि, “कमियां हम सभी में हैं और हमें इसे दूर करने के लिए काम करना चाहिए, खासकर किसी को दोषी ठहराने के बजाय। कमजोर प्रदर्शन को लेकर पूरी पार्टी जिम्मेदार है, नेतृत्व और कार्यकार्ता, दोनों।” अनवर ने कहा कि हमें कांग्रेस अध्यक्ष को हर उस चीज की जानकारी देनी चाहिए जो पार्टी के हित में है।”
गौरतलब है कि बिहार चुनाव में पार्टी को मिली हार के बाद सोनिया गांधी ने कांग्रेस के शीर्ष नेताओं की तीन कमेटियां बनाई हैं। जिसमें गुलाम नबी आजाद सहित पार्टी के चार असंतुष्ट नेताओं को तो जगह मिल गई लेकिन कपिल सिब्बल को अभी भी इस कमेटी से बाहर रखा गया है। बिहार में पार्टी की बुरी हार के बाद कपिल सिब्बल ने नेतृत्व पर सवाल उठाए थे।
जाहिर है कि एक तो पार्टी का प्रदर्शन हर चुनाव में गिरता जा हा है और इसपर भीतर से ही असंतोष के सुर निकलना, कांग्रेस को कतई शांति नहीं देगा बल्कि स्थिति को और खराब करेगा।