नई दिल्ली। महाराष्ट्र की राजनीति में अजित पवार द्वारा उठाए गए कदम से ज्यादा अचंभित होने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि इस तरह का सियासी भूचाल वो गत 2019 के चुनाव में भी कर चुके हैं, जब उन्होंने रातोंरात देवेंद्र फडणवीस के साथ मिलकर सरकार बना ली थी और खुद डिप्टी सीएम का तमगा पहन लिया था, लेकिन समर्थकों के अभाव में उन्हें बैकफुट में आना पड़ा और इसके बाद महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी सरकार का जन्म हुआ, लेकिन यह सरकार भी ज्यादा दिनों तक नहीं चल पाई। एकनाथ शिंदे ने अपने समर्थकों के साथ मिलकर तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के विरोध में बगावत का बिगुल फूंक दिया। जिसके बाद उद्धव सरकार अल्पमत में आ गई। जिसके चलते उद्धव ठाकरे को सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा। इसके बाद शिंदे ने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई।
वहीं, अब एक बार फिर कुछ ऐसा ही दृश्य महाराष्ट्र की राजनीति में देखने को मिला है, जब अजित पवार ने शरद पवार के खिलाफ बगावत का झंडा बलुंद कर बीजेपी के साथ हाथ मिला लिया है। उनके साथ 9 राकांपा नेताओं ने आज राजभवन में मंत्री पद की शपथ ली। वहीं, अजित ने दावा किया है कि उन्हें 40 विधायकों का समर्थन प्राप्त है और इसके अलावा पांच में दो सांसदों का भी समर्थन प्राप्त है, जिसे ध्यान में रखते हुए वे मजबूती से अपने चाचा के खिलाफ मोर्चा खोलने का माद्दा रखते हैं। बहरहाल, अब आगामी दिनों में वो क्या कुछ कदम उठाते हैं। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। हालांकि, उन्होंने एक बात तो साफ कर दी है कि वह आगानी दिनों में राकांपा पर दावा ठोकने और चुनाव चिन्ह प्राप्त करने के लिए चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाएंगे।
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मुंबई में NCP दफ़्तर में हंगामा, NCP के बाग़ियों के पोस्टर पर कालिख, शरद पवार समर्थकों का हंगामा, अजित पवार समर्थक मंत्रियों का विरोध.#MaharastraPolitics #AjitPawar #NCP #EknathShinde #SharadPawar @anchorsapna @RimaPrasad @shreyad21 pic.twitter.com/WBimXJKAOG— News18 India (@News18India) July 2, 2023
वहीं, इस बीच खबर है कि महाराष्ट्र में कई जगहों पर उन नेताओं के कालिख पोते हुए पोस्टर लगाए गए हैं, जो कि अजित पवार के साथ जाकर शिंदे सरकार में शामिल हुए हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अजित पवार के साथ आने वाले अधिकांश नेताओं के खिलाफ ईडी की कार्रवाई जारी है, जिस पर विपक्षी दलों का कहना है कि ईडी की कार्रवाई से बचने के लिए इन लोगों ने एनडीए को समर्थन दिया है। वहीं, विपक्ष के कई नेता तंज कस कर रहे हैं कि बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिन्हें भ्रष्टाचारी कहकर संबोधित किया था। आज उन्हीं भ्रष्टाचारियों को बीजेपी अपने यहां जगह दे रही है। वहीं, माना जा रहा है कि अजित पवार के इस कदम से विपक्षी एकता को झटका लग सकता है।
ध्यान दें कि प्रेसवार्ता के दौरान अजित पवार ने पीएम मोदी की भी तारीफ की, जिसमें उन्होंने कहा था कि पीएम मोदी ने विकास के मोर्चे पर अभूतपूर्व काम किए हैं। जिनमें मैं व्यक्तिगत तौर पर प्रभावित हुआ है। बहरहाल, अब आगामी दिनों में महाराष्ट्र के राजनीतिक परिदृश्य में क्या परिवर्तन देखने को मिलता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।