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Chardham Yatra: इस दिन बंद हो रहे हैं चार धाम यात्रा के कपाट, 20 नवंबर तक कर सकते हैं आखिरी दर्शन

Chardham Yatra: बता दें कि बदरीनाथ धाम के कपाट आगामी 20 नवंबर को सर्दियों को ध्यान में रखते हुए बंद कर दिए जाएंगे। केदारनाथ व यमुनोत्री के कपाट आगामी 6 नवंबर को बंद कर दिए जाएंगे। इसके अलावा 5 नवंबर को यमुनोत्री के कपाट बंद कर दिए जाएंगे।

नई दिल्ली। अगर आप भी घर बैठकर चार धाम यात्रा के दर्शन करने का प्लान बना रहे हैं, तो आपके लिए एक बड़ी खबर है। खबर है कि अब चार धाम यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं के पास बहुत ही कम समय शेष है। दरअसल, सर्दियों के मौसम के मद्देनजर श्रद्धालुओं के लिए चारों धामों के कपाट महज 20 नवंबर तक ही खुले रहेंगे। बता दें कि चार धाम यात्रा के कपाट अब 20 नवंबर तक ही खुले रहेंगे। देवास्थानम बोर्ड ने यह फैसला कोरोना और सर्दियों के मौसम को ध्यान में रखते हुए लिया है, लिहाजा अगर आप भी चार यात्रा का प्लान बना रहे हैं, तो फौरन अपनी तमाम प्लान को पूरा कर लीजिए, नहीं तो आपका चार धामा यात्रा पर जाने का प्लान पूरा होने से पहले ही चौपट हो जाएगा।

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जानिए, कब किसके बंद होंगे कपाट

बता दें कि बदरीनाथ धाम के कपाट आगामी 20 नवंबर को सर्दियों को ध्यान में रखते हुए बंद कर दिए जाएंगे। केदारनाथ व यमुनोत्री के कपाट आगामी 6 नवंबर को बंद कर दिए जाएंगे। इसके अलावा 5 नवंबर को यमुनोत्री के कपाट बंद कर दिए जाएंगे। द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर के कपाट शीतकाल के लिए 22 नवंबर को प्रात: साढे आठ बजे वृश्चिक लग्न में बंद हो जाएगे। जबकि डोली आगमन पर मद्महेश्वर मेला 25 नवंबर को आयोजित होगा। तृतीय केदार तुंगनाथ के कपाट शनिवार 30 अक्टूबर को दोपहर एक बजे शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे। उत्तराखंड देवास्थनम प्रबंधन बोर्ड के मीडिया सलाहकार हरीश गौड ने बताया  कि सर्दियों के मौसम में श्रद्धुलाओं की सहूलियतों को ध्यान में रखते हुए ये कदम उठाया गया है।

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कुछ दिनों पहले ही मिली थी प्रतिबंधों से मुक्ति

बता दें कि अभी कुछ दिनों पहले चार धाम दर्शन के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं को कोर्ट की तरफ से प्रतिबंधों से मुक्ति मिली थी, जिसके बाद असंख्य यात्री दर्शन के लिए पहुंचे थे। एक रिपोर्ट के मुताबिक, कोर्ट की तरफ से मिली ढील के बाद दर्शन के लिए यात्रियों की संख्या 5 लाख तक पहुंच गई थी, लेकिन कोर्ट ने अपने निर्देश में कोरोना दिशानिर्देशों का अनुपालन करते हुए दर्शन की अनुमति दी थी। कोर्ट  से मिली इस इजाजत के बाद प्रदेश के आर्थिक पहिए में भी नई रफ्तार देखने को मिली थी, क्योंकि प्रदेश में कई ऐसी गतिविधियां संचालित की जाती है, जिसका संबंध चार धाम दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धुलाओं से जुड़ा हुआ है। ऐसे में उनका न आना  प्रदेश में संचालित हो रही ऐसी गतिविधियों के लिए किसी झटके से कम नहीं था।