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Lakhimpur Kheri: मंत्री के काफिले की गाड़ी ने किसानों को कुचला, मचा बवाल, गाड़ियां फूंकीं

Lakhimpur Kheri: बताया जा रहा है कि लखीमपुर खीरी में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के दौरे को देखते हुए बीजेपी नेता के बेटे आशीष  मिश्रा के विरोध के दौरान किसानों की भिडंत हो गई। जिससे नाराज किसानों ने गाड़ी को आग के हवाले कर दिया।

नई दिल्ली। इन किसानों का कुसूर महज इतना था कि ये तीनों कृषि कानून का विरोध कर रहे थे, तभी मंत्री साहब की गाड़ी बेशुमार गाड़ियों की काफिलों के साथ आई। गाड़ियों की रफ्तार यह बताने के लिए काफी थी कि गाड़ी में सवार मंत्री साहब सियासत के खूमार में कुछ ज्यादा ही चूर हैं। आपको तो पता ही होगा कि तकरीबन एक साल से किसान भाई कृषि कानून का विरोध कर रहे हैं। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश केलखीमपुर खीरी के तिकुनिया में भी कुछेक किसान कृषि कानूनों का विरोध कर रहे थे, तभी  सत्ता के नशे में चूर मंत्री साहब की एंट्री होती तो उनकी गाड़ी की रफ्तार धीमा  होने का नाम ही नहीं लेती है।

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जिसका नतीजा यह होता है कि विरोध कर रहे किसानों की गाड़ियों को मंत्री की गाड़ी ने कुचलने से कोई गुरेज नहीं किया। इसमें दो किसानों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि कई घायल हो गए। वहीं, इस घटना से आक्रोशित किसानों ने मंत्री की गाड़ी को आग के हवाले कर दिया व मंत्री के खिलाफ नारेबाजी भी की।

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उधर, बताया जा रहा है कि लखीमपुर खीरी में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के दौरे को देखते हुए बीजेपी नेता के बेटे आशीष  मिश्रा के विरोध के दौरान किसानों की भिडंत हो गई। जिससे नाराज किसानों ने गाड़ी को आग के हवाले कर दिया। वहीं इस पूरे मामले से खफा हुए पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का ट्वीट भी सामने आया है, जिसमें उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों का शांतिपूर्ण विरोध कर रहे किसानों को भाजपा सरकार के गृह राज्यमंत्री के पुत्र द्वारा, गाड़ी से रौंदना घोर अमानवीय और क्रूर कृत्य है। उप्र दंभी भाजपाइयों का ज़ुल्म अब और नहीं सहेगा। यही हाल रहा तो उप्र में भाजपाई न गाड़ी से चल पाएंगे, न उतर पाएंगे।

वहीं, जयंत चौधरी ने इस पूरे मसले पर ट्वीट कर कहा कि लखीमपुर खीरी से दिल दहलाने वाली खबरें आ रहीं हैं! केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा का क़ाफ़िला आंदोलनकारी किसानों पर चढ़ा दिया गया! २ किसानों की मौत हो गई और कई घायल हैं। विरोध को कुचलने का काला कृत्य जो किया है, साज़िश जब गृह मंत्री रच रहे हैं, फिर कौन सुरक्षित है?