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Prashant Kishore Launches Jan Suraj Party : नाम ठीक है…जन सुराज पार्टी को लॉन्च करते हुए प्रशांत किशोर ने ली समर्थकों की राय, भविष्य की रणनीति बताई

Prashant Kishore Launches Jan Suraj Party : प्रशांत किशोर ने कहा कि उनकी पार्टी में उन सभी लोगों का खुले दिल से स्वागत है, जो बिहार में बदलाव और विकास लाना चाहते हैं। दूसरी ओर बिहार सरकार में मंत्री अशोक चौधरी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आज प्रशांत किशोर की अपनी विस्तारवादी आत्मा जग गई है जो राजनीति करना चाहती है।

नई दिल्ली। चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने आखिरकार आज अपनी जन सुराज पार्टी को लॉन्च कर दिया। बिहार की राजधानी पटना स्थित वेटरनरी ग्राउंड में पार्टी की आधिकारिक लॉन्चिंग की घोषणा करते हुए प्रशांत किशोर ने अपने समर्थकों से पूछा जन सुराज पार्टी नाम ठीक है ना। प्रशांत किशोर ने कहा कि आप लोगों की राय जरूरी है। अगर आपको ये नाम पसंद न आया हो तो बता दो कोई दूसरा नाम खोजकर फिर से चुनाव आयोग के समक्ष अप्लाई कर देंगे।

प्रशांत किशोर ने कहा कि पिछले 2-3 साल से जन सुराज अभियान चल रहा है, लोग पूछ रहे थे कि हम पार्टी कब बनाएंगे। हम सभी को भगवान का शुक्रिया अदा करना चाहिए, आज चुनाव आयोग ने आधिकारिक तौर पर जन सुराज को जन सुराज पार्टी के रूप में स्वीकार कर लिया है। प्रशांत किशोर ने कहा कि उनकी पार्टी में उन सभी लोगों का खुले दिल से स्वागत है, जो बिहार में बदलाव और विकास लाना चाहते हैं। बिहार विधानसभा चुनाव में जन सुराज पार्टी सभी 243 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। प्रशांत किशोर ने कहा कि सभी पार्टियों पर भरोसा करके देख लिया लेकिन कोई भी बदलाव नहीं ला सकी इसलिए अब जन सुराज पार्टी बनाई है।

दूसरी तरफ बिहार की नीतीश कुमार सरकार में मंत्री अशोक चौधरी ने जन सुराज पार्टी के आधिकारिक ऐलान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि प्रशांत किशोर को जितना हम लोग जानते हैं वो आज तक राजनीतिक दलों के प्रबंधन का काम करते आए हैं लेकिन दुर्भाग्यपूर्वक उन्होंने जिन-जिन पार्टियों का मैनेजमेंट किया उसमें उन्हें दोबारा मौका नहीं मिला है। आज उनकी अपनी विस्तारवादी आत्मा जग गई है जो राजनीति करना चाहती है। उन्होंने पार्टी का नाम ‘जन-सुराज’ रखा है। चौधरी ने प्रशांत किशोर पर निशाना साधते हुए कहा कि एक व्यक्ति जो महात्मा गांधी की नीति और कार्यों पर विश्वास करने वाला है लेकिन उनकी नीति के विरुद्ध निर्णय करता है। इसी से समझ में आता है कि वो महात्मा गांधी के विचारों को कितना मानते हैं।