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Rajasthan: शहीद जवानों के परिजनों का गहलोत सरकार के खिलाफ हल्ला बोल, जानें पूरा माजरा

Rajasthan: अब यह प्रदर्शन राजनीतिक रंग में भी घुल चुका है। बता दें बीजेपी सांसद किरोडीलाल मीना भी इस प्रदर्शन में शामिल हुए और अपनी आवाज सरकार के विरोध में उठाई। इस बीच आरोप है कि पुलिस ने प्रदर्शनकारी महिलाओं के साथ बदसलूकी की। उन्हें मेडिकल चेकअप के नाम पर हिरासत में ले लिया गया।

नई दिल्ली। पुलवामा में शहीद हुए जवानों के परिजन गहलोत सरकार से अनुकंपा के आधार पर नौकरी देने की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार इनकी मांग को जायज नहीं बता रही है। अब शहीद के परिजन अपनी मांग को लेकर धरने पर भी बैठ चुके हैं। पिछले 10 दिनों से यह धरना जारी है, लेकिन गहलोत सरकार की कानों में रू तक नहीं रेंग रही है। इसके उलट पुलिस ने प्रदर्शनकारियों से धरना खत्म करने के लिए कहा है , लेकिन प्रदर्शनकारी महिला अपनी मांगों पर अड़ी हुई हैं। महिलाओं ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक उनकी मांगों पर विचार नहीं किया जाता है, तब तक उनका विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।

वहीं, अब यह प्रदर्शन राजनीतिक रंग में भी घुल चुका है। बता दें कि बीजेपी सांसद किरोड़ी लाल मीणा भी इस प्रदर्शन में शामिल हुए और अपनी आवाज सरकार के विरोध में उठाई। इस बीच आरोप है कि पुलिस ने प्रदर्शनकारी महिलाओं के साथ बदसलूकी की। उन्हें मेडिकल चेकअप के नाम पर हिरासत में ले लिया गया। जिस पर राष्ट्रीय महिला आयोग ने संज्ञान लेते हए राजस्थान के डीजीपी को पत्र लिखा है और पुलिस द्वारा महिलाओं के साथ की गई इस बदसलूकी पर अंकुश लगाने की मांग की है। उधर, राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने भी उक्त प्रकरण को संज्ञान मे लेने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखा है।

ASHOK GEHLOT

राज्यपाल ने अपने पत्र में कहा है कि ‘देश के लिए सर्वोच्च बलिदान करने वाले वीर सपूतों के परिवार की देखभाल और उनका यथोचित सम्मान राज्य का दायित्व है। सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वीरांगनाओं के अनुरोध पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए कल्याणकारी राज्य की विचारधारा के अनुरूप कार्यवाही की जाए।’ हालांकि, अभी तक गहलोत सरकार की ओर से इस पत्र पर कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।