नई दिल्ली। दिल्ली के बॉर्डर पर कई महीने से आंदोलन कर धरना दे रहे किसानों के टेंट जल्दी ही उखड़ सकते हैं। लगातार धरना दे रहे किसान इससे परेशान हैं कि उनके नेता कुछ हासिल नहीं कर सके हैं। दूसरी ओर, नेतागीरी की वजह से भी किसानों को लग रहा है कि उनकी मांग पीछे हो गई है और आंदोलन चलाने वाले नेता सियासत चमकाने में आगे हो गए हैं। किसानों ने जब आंदोलन शुरू किया था, तो साफ कहा था कि इसमें किसी राजनीतिक दल को शिरकत नहीं करने दिया जाएगा। अब हो ये रहा है कि आंदोलन में पीएम नरेंद्र मोदी का विरोध करने वाले नेता भी घुस रहे हैं। हरियाणा के बड़े नेता ओमप्रकाश चौटाला को किसानों के तथाकथित नेता राकेश टिकैत आंदोलन में ला रहे हैं और उनका स्वागत करा रहे हैं।
कांग्रेस, अकाली दल वगैरा पहले ही आंदोलन में किसी न किसी रूप में शामिल हो चुके हैं। आंदोलन के इस स्वरूप का किसान संगठनों ने विरोध शुरू कर दिया है। हरियाणा के भारतीय किसान यूनियन मान गुट के प्रदेश अध्यक्ष गुणीप्रकाश ने इसके खिलाफ आवाज बुलंद कर दी है। सियासत का भूत किस तरह किसान नेताओं के सिर चढ़कर बोल रहा है, ये इसी से साफ हो जाता है कि भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने ऐलान कर दिया कि यूपी विधानसभा चुनाव में उनका संगठन उम्मीदवार उतारेगा। इस बयान का विरोध हुआ, तो नरेश टिकैत ने कह दिया कि चुनाव नहीं लड़ेंगे और उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया।
उधर, एक और किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी को संयुक्त किसान मोर्चा ने एक हफ्ते के लिए सस्पेंड कर दिया। चढ़ूनी ने पंजाब के किसान संगठनों से कहा था कि वे एकजुट होकर पंजाब विधानसभा का चुनाव लड़ें। चढ़ूनी का कहना था कि हर सरकार किसानों का नाम और समर्थन लेकर सत्ता में आती है, लेकिन किसानों का हित कभी नहीं देखती। इसी वजह से किसानों को खुद अपने प्रतिनिधि चुनकर विधानसभा और संसद में भेजने की जरूरत है।
किसानों के आंदोलन में सियासत की जगह न होने का ऐलान करने वाले नेताओं की हालत इसी से समझी जा सकती है कि योगेंद्र यादव ने बीजेपी के नेता रहे और अब हरियाणा के निर्दलीय विधायक सोमवीर सांगवान को संयुक्त किसान मोर्चा में शामिल कराने की कोशिश की। इसका भी जमकर विरोध हुआ। अब हो ये रहा है कि नेताओं की सियासतदान बनने की कोशिश के कारण हरियाणा के आंदोलनकारी कम संख्या में दिल्ली के बॉर्डर पर जा रहे हैं। ऐसे में किसानों के टेंट जल्दी ही उखड़ने के हालात बन सकते हैं।