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AAP vs Delhi LG: LG ने दिया केजरीवाल सरकार को तगड़ा झटका, AAP से 97 करोड़ की वसूली के आदेश

AAP vs Delhi LG: भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने केजरीवाल सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, आप का मतलब, Aur Adverisement-vali Party बन चुका है। आज जो निर्देश आया है 97 करोड़ रुपये वसूले जाए आम आदमी पार्टी से पॉलिटिकल एड के लिए। ये सीएजी की रिपोर्ट में आया है किस तरह से 4 हजार 200 प्रतिशत का बढ़ोतरी की गई।

नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में उपराज्यपाल और केजरीवाल सरकार के बीच नया विवाद शुरू हो गया है। एलजी विनय कुमार सक्सेना (Delhi LG VK Saxena) ने आम आदमी पार्टी (AAP) को तगड़ा झटका दिया है। दरअसल एलजी सक्सेना ने अरविंद केजरीवाल की पार्टी से 97 करोड़ रुपये वसूलने के आदेश दिए है। उपराज्यपाल के मुताबिक, दिल्ली सरकार ने सरकारी विज्ञापन की आड़ में पार्टी का विज्ञापन दिया था। इसलिए ये रकम आम आदमी पार्टी से वसूली जानी चाहिए। दरअसल दिल्ली के एलजी को शिकायतें मिली थी कि आम आदमी पार्टी सरकार ने सरकारी विज्ञापन के नाम पर राजनीतिक एड निकाले थे। इसके एवज में इसकी जांच करके कमेटी का गठन किया गया था। सुप्रीम कोर्ट की रूलिंग के आधार पर। जिसके बाद पाया गया कि तकरीबन 97 करोड़ 15 लाख रुपये के आस-पास की रकम है जिसे केजरीवाल की आम आदमी पार्टी सरकार ने सरकारी एड बताकर राजनीतिक विज्ञापन दिए थे।

जिस पर एलजी सक्सेना ने अब सख्त कार्रवाई की है। उन्होंने चीफ सेक्रेटरी को सीधा निर्देश दिए है। कि इन पैसों को आम आदमी पार्टी से वसूला जाए। एलजी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित गाइडलाइंस है उसके आधार पर बनी रुल और रेगुलेशन के खिलाफ है। इसलिए इन पैसों को रिकवर करने के लिए कहा गया है।

भाजपा का केजरीवाल पर हमला-

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने केजरीवाल सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, आप का मतलब, Aur Adverisement-vali Party बन चुका है। आज जो निर्देश आया है 97 करोड़ रुपये वसूले जाए आम आदमी पार्टी से पॉलिटिकल एड के लिए। ये सीएजी की रिपोर्ट में आया है किस तरह से 4 हजार 200 प्रतिशत का बढ़ोतरी की गई। आम आदमी पार्टी द्वारा अपने विज्ञापन में और कैसे टैक्सपेयर का पैसा खर्च किया गया। अपने विज्ञापन और मार्केटिंग के लिए अलग-अलग राज्यों में जहां पर उन्हें चुनाव लड़ना था। मतलब जनता के खर्च पर अपनी राजनीति की गई। अगर उनकी स्कीम इतनी अच्छी होती तो इतने पैसे उड़ाने की जरुरत नहीं होती।