newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Uddhav And Raj Thackeray Shared Stage : जो काम बालासाहेब नहीं कर पाए वो…20 साल बाद उद्धव ठाकरे के साथ मंच साझा करते हुए राज ठाकरे ने सीएम देवेंद्र फडणवीस पर साधा निशाना

Uddhav And Raj Thackeray Shared Stage : महाराष्ट्र सरकार द्वारा हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में लागू करने के सरकारी प्रस्ताव को वापस लिए जाने को लेकर शिवसेना (यूबीटी) और एमएनएस ने मुंबई के वर्ली डोम मराठी विजय रैली का आयोजन किया है। इस दौरान शिवसेना यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा भी हम मिलकर रहने के लिए साथ आए हैं।

नई दिल्ली। महाराष्ट्र की राजनीति में आज का दिन बेहद अहम माना जा रहा है। लगभग दो दशक के बाद उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे ने एक साथ मिलकर मंच साझा किया है। इस दौरान रैली को संबोधित करते हुए महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) प्रमखु राज ठाकरे ने कहा कि जो काम बालासाहेब नहीं कर पाए वो देवेंद्र फडणवीस ने कर दिखाया। हम दोनों भाइयों को साथ लाने का काम, 20 साल बाद आज मैं और उद्धव एक साथ आए हैं। इस दौरान उद्धव ठाकरे ने कहा भी हम मिलकर रहने के लिए साथ आए हैं। बता दें कि महाराष्ट्र सरकार द्वारा हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में लागू करने के सरकारी प्रस्ताव को वापस लिए जाने को लेकर शिवसेना (यूबीटी) और एमएनएस ने मुंबई के वर्ली डोम मराठी विजय रैली का आयोजन किया है।

हिंदी भाषा विवाद पर कहा कि मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने कहा, हिंदी क्यों, किसके लिए हिंदी? आप किसी से नहीं पूछते? सीएम देवेंद्र फडणवीस पर निशाना साधते हुए राज ठाकरे बोले, आपके पास केवल महाराष्ट्र विधानसभा में शक्ति है, हमारे पास सड़क पर शक्ति है। राज ठाकरे ने कहा कि उन्होंने यह कहकर मुद्दे को भटका दिया कि उद्धव ठाकरे के बेटे की शिक्षा अंग्रेजी माध्यम से हुई है, हमारे पास ऐसे नेताओं की सूची है जिनके बेटे की शिक्षा अंग्रेजी माध्यम से हुई है। हमने मराठी भाषा से शिक्षा प्राप्त की है, मेरे बेटे की शिक्षा अंग्रेजी माध्यम से हुई है। मैं आपको बताना चाहता हूं कि बालासाहेब ठाकरे और मेरे पिता श्रीकांत ठाकरे ने अंग्रेजी माध्यम से शिक्षा ली, लालकृष्ण आडवाणी ने कॉन्वेंट स्कूल से शिक्षा प्राप्त की है, क्या आप इन सभी नेताओं से सवाल कर सकते हैं?

मनसे ने आगे कहा कि यूपी, राजस्थान, बिहार ने तीसरी भाषा के रूप में क्या चुना है? वे हिंदी भाषी राज्य हैं, लेकिन वे पिछड़े हैं और जो राज्य हिंदी नहीं बोलते हैं, वे आगे बढ़ रहे हैं। मैं सभी भाषाओं का सम्मान करता हूं, चाहे वह मराठी हो, हिंदी हो या कोई और भाषा हो। ‘मराठा साम्राज्य’ दिल्ली तक फैला था, लेकिन हमने उन राज्यों में मराठी अनिवार्य नहीं की। दक्षिण भारत में कई राजनेता और फिल्मी सितारे अंग्रेजी स्कूलों में पढ़े हैं लेकिन उन्हें तमिल और तेलुगु भाषा पर गर्व है।