
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में आने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में हिंदुत्व की भूमिका को लेकर तीखी बहस छिड़ गई है। हाल ही में कांग्रेस नेता कमल नाथ का एक बयान सुर्खियों में रहा और अब कांग्रेस के एक और वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के बयान पर भी सियासी बहस छिड़ गई है। सिंह के बयान से विवाद खड़ा हो गया है क्योंकि उन्होंने दावा किया था कि अगर कांग्रेस राज्य में सत्ता में आती है तो बजरंग दल पर प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा। उन्होंने हिंदू राष्ट्र की अवधारणा पर अपने सहयोगी कमल नाथ के रुख का भी बचाव किया।
सिंह ने स्पष्ट किया कि हालांकि बजरंग दल के भीतर सम्मानित व्यक्ति हैं, लेकिन आपराधिक गतिविधियों में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। मीडिया को संबोधित करते हुए, दिग्विजय सिंह ने कहा कि ‘हिंदुत्व’ शब्द विनायक दामोदर सावरकर द्वारा गढ़ा गया था, और नरम या कठोर हिंदुत्व जैसी कोई चीज नहीं है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह विचारधारा सनातन धर्म (प्राचीन हिंदू धर्म) से संबंधित नहीं है, और आगे सुझाव दिया कि जो व्यक्ति संविधान की शपथ लेते समय हिंदुत्व की शपथ लेते हैं, उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
#WATCH हम बजरगंज दल पर प्रतिबंध नहीं लगाएंगे (अगर हम मध्य प्रदेश में चुनाव जीतते हैं) क्योंकि बजरंग दल में कुछ अच्छे लोग भी हो सकते हैं, लेकिन हम दंगों या हिंसा में शामिल किसी को भी नहीं बख्शेंगे: कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह, भोपाल pic.twitter.com/aDcGbXf9Cz
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 16, 2023
आआपको बता दें इससे पहले कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस ने अपनी मेनिफेस्टो में यह वादा किया था कि अगर राज्य में उनकी सरकार आती है तो वह बजरंग दल और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद जैसे हिंदूवादी संगठनों को बैन करने का काम करेंगे। उसे समय राज्य के भीतर बीजेपी और कांग्रेस के बीच इस मुद्दे को लेकर खूब सियासी गहमागहमी गई देखी गई थी। बीजेपी ने तो बजरंग दल के मुद्दे पर पूरा का पूरा चुनाव ही लड़ा था। लेकिन आखिरकार कांग्रेस ने कर्नाटक में बाजी मारी और बीजेपी को इस मुद्दे का कोई फायदा नहीं मिला।