नई दिल्ली। जेएनयू को लेकर विवाद थमता ही नहीं कि दूसरा विवाद शुरू हो जाता है। अभी हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के कैंपस में स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा का अनावरण किया। अब इस विश्वविद्यालय का नाम 50 साल बाद बदलकर स्वामी विवेकानंद के नाम पर रखने की मांग उठने लगी है। आपको बता दें कि भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और कर्नाटक के पूर्व मंत्री सीटी रवि ने इस पूरे मामले पर केंद्र सरकार से ऐसी मांग की है जिसको लेकर पूरी सियासत गर्म हो गई है। सीटी रवि ने दिल्ली स्थित जेएनयू का नाम बदलकर स्वामी विवेकानंद यूनिवर्सिटी रखने की मांग की है। इस मांग को उठाते हुए सीटी रवि ने तर्क दिया कि ऐसा करने से देश की युवा पीढ़ी को स्वामी विवेकानंद जैसे संतों-महापुरुषों के जीवन के बारे में जानने और उससे प्रेरणा लेने का मौका मिलेगा।
भाजपा नेता सीटी रवि ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘वो स्वामी विवेकानंद ही थे, जो भारत की विचारधारा के साथ खड़े हुए। उनका दर्शन और उनके मूल्य भारत की शक्ति को दर्शाते हैं। देश हित में यही सही होगा कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय का नाम बदलकर स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय कर दिया जाए। भारत के इस देशभक्त संत का जीवन आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देगा।’
आपको बता दें कि इसके ठीक चार दिन पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने इसी कैंपस में स्वामी विवेकानंद की मूर्ति का अनावरण किया था और इस मौके पर उन्होंने कहा था कि हम सब के बीच वैचारिक मतभेद हो सकता है सबकी विचारधाराएं अलग हो सकती हैं। लेकिन राष्ट्रभक्ति के विचार का सभी को समर्तन करना चाहिए और राष्ट्र हित के मामलों में राष्ट्र का विरोध कभी भी नहीं करना चाहिए।
सीटी रवि के इस बयान के बाद से जहां एक ओर कांग्रेस के नेता जमकर भाजपा और सीटी रवि को अपने निशाने पर ले रहे हैं। वहीं शिवसेना नेता संजय राऊत ने भी सीटी रवि के इस बयान का विरोध करते हुए निशाना साधा और कहा कि भाजपा को चाहिए की वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विवेकानंद जी के नाम से विश्वविद्यालय की स्थापना करें। जवाहर लाल नेहरू जी हमेशा से ही देश के गौरव व अभिमान रहे हैं, द्वेष-भावना के चलते ऐसे केवल नाम का बदलना ठीक नहीं है।
My respectful tributes to “Hindu Hriday Samrat” Balasaheb Thackeray on His Punya Tithi.
The indomitable Balasaheb continues to inspire crores of Bharatiyas.
It will be worthwhile if present Shiv Sena recollects its Founder’s life and does an introspection of its recent actions. pic.twitter.com/Qp32LLSBlG
— C T Ravi ?? ಸಿ ಟಿ ರವಿ (@CTRavi_BJP) November 17, 2020
संजय राऊत का यह बयान भी सीटी रवि को लेकर तब आया जब रवि ने बालासाहेब ठाकरे की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि दी और आज के शिवसेना को सीख दे डाली। इसके साथ ही अशोक सिंघल की पुण्य तिथि पर भी सीटी रवि ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
On His Punya Tithi, I offer Koti Koti Namans to Sri Ashok Singhal, the legend who engineered the #RamMandir movement.
Bharatiyas will forever remember the towering Hindutva leader who created the groundswell for building the Temple for Lord Ram by taking it to the Masses. pic.twitter.com/dCXFjAFuaK
— C T Ravi ?? ಸಿ ಟಿ ರವಿ (@CTRavi_BJP) November 17, 2020