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No Unanimity Among The Opposition in Rajya Sabha : राज्यसभा में बजट पर चर्चा के विरोध को लेकर भी विपक्ष के बीच नहीं दिखी एकराय

No Unanimity Among The Opposition in Rajya Sabha : राज्यसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज बजट पर चर्चा की शुरुआत के लिए जैसे ही अपनी सीट से खड़ी हुईं तो पूरे विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया, लेकिन यहां भी विपक्ष में एकजुटता नहीं दिखाई दी। दरअसल कुछ ही देर ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) के राज्यसभा सांसद सदन में वापस आ गए।

नई दिल्ली। राज्यसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज बजट पर चर्चा की शुरुआत के लिए जैसे ही अपनी सीट से खड़ी हुईं तो पूरे विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया, लेकिन यहां भी विपक्ष में एकजुटता नहीं दिखाई दी। दरअसल कुछ ही देर ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) के राज्यसभा सांसद सदन में वापस आ गए। इस तरह से इस मसले पर विरोध जताने के तरीके में ही विपक्ष के बीच एकराय नहीं दिखी। इससे पहले राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को माताजी कहकर संबोधित किया। इस पर राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए बोले, वो माताजी नहीं, आपकी बेटी की उम्र के बराबर हैं।

विपक्ष द्वारा आम बजट को भेदभावपूर्ण बताते हुए इसमें कई राज्यों की अनदेखी का आरोप लगाया गया है। विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि यह कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष का लोगों को यह आभास कराने का जानबूझकर किया गया प्रयास है कि हमारे राज्यों को कुछ भी नहीं दिया गया है। यह एक अपमानजनक आरोप है। वित्त मंत्री ने सदन में अपनी बात रखते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी बहुत साल तक देश की सत्ता में रही और वह यह बात अच्छी तरह जानती है कि हर बजट में, आपको इस देश के हर राज्य का नाम लेने का मौका नहीं मिलता।

वित्त मंत्री ने उदाहरण देते हुए कहा कि मोदी कैबिनेट ने महाराष्ट्र के वडावन में बहुत बड़े बंदरगाह के निर्माण का निर्णय लिया है लेकिन कल के बजट में महाराष्ट्र का नाम नहीं लिया गया तो क्या इसका मतलब यह है कि महाराष्ट्र खुद को उपेक्षित महसूस करता है? सीतारमण ने कहा कि यदि भाषण में किसी विशेष राज्य का जिक्र नहीं किया जाता या उसका नाम नहीं लिया गया है, तो क्या इसका मतलब निकाला जाएगा कि केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ उन राज्यों को नहीं मिलेगा। यह सरासर भ्रम फैलाने वाले गलत आरोप हैं।