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Nawab Malik Case: ऐसी भी क्या नजदीकी थी कि दाऊद की बहन ने नवाब मलिक को 300 करोड़ की जमीन महज 55 लाख में बेच दी, जानिए इनसाइड स्टोरी

इस मामले में मुख्य रोल हसीना पारकर का रहा है। साल 2014 में उसकी मौत हो चुकी है। हसीना देश में दाऊद के सारे अवैध कारोबार को देखती थी और अपने गुर्गों से लोगों की संपत्ति पर कब्जा करती थी। नवाब मलिक को जो जमीन उसने बेची, वो कुर्ला के एलबीएस रोड पर है।

मुंबई। महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक को ईडी की हिरासत में कोर्ट ने दे दिया। उन पर गैंगस्टर और अंतरराष्ट्रीय आतंकी दाऊद इब्राहिम की बहन और साथियों के साथ मिलकर जमीन खरीदने और मनी लॉन्ड्रिंग करने के आरोप प्रवर्तन निदेशालय ED ने लगाए हैं। नवाब मलिक पर आरोप है कि उन्होंने दाऊद की बहन (अब मृत) हसीना पारकर से जमीन खरीदी। इसके लिए 5 लाख रुपए चेक और 50 लाख का कैश दिया गया। ईडी का आरोप है कि मलिक से मिले पैसों से टेरर फंडिंग की गई। ये जमीन हसीना ने फर्जी पावर ऑफ अटॉर्नी का इस्तेमाल कर मूल मालिक मुनीरा प्लंबर से ली गई थी। इस कहानी में सिर्फ नवाब मलिक और हसीना ही नहीं हैं। इस स्टोरी में कई किरदारों ने अपना रोल अदा किया है।

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इस मामले में मुख्य रोल हसीना पारकर का रहा है। साल 2014 में उसकी मौत हो चुकी है। हसीना देश में दाऊद के सारे अवैध कारोबार को देखती थी और अपने गुर्गों से लोगों की संपत्ति पर कब्जा करती थी। नवाब मलिक को जो जमीन उसने बेची, वो कुर्ला के एलबीएस रोड पर है। हसीना के बेटे अली शाह पारकर ने ईडी को इस डील के बारे में पूछताछ में बताया था। इस गेम का दूसरा किरदार सलीम पटेल है। वो हसीना का दाहिना हाथ था। जमीन पहले सलीम के पास ही थी। एक और किरदार सरदार वली शाह खान है। जिसके भाई रहमान खान को मुनीरा ने जमीन पर बने कंपाउंड के किराएदारों से किराया वसूलने की जिम्मेदारी दी थी। सरदार वली शाह 1993 के मुंबई बम धमाकों का आरोपी रहा है।

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ईडी ने कोर्ट में बताया है कि नवाब मलिक और हसीना पारकर के बीच संपर्क था। जांच एजेंसी के मुताबिक नवाब मलिक जानते थे कि हसीना क्या करती है। मुनीरा ने भी ईडी को बताया था कि फर्जी पावर ऑफ अटॉर्नी से उससे जमीन ले ली गई। ईडी के मुताबिक जिस जमीन को नवाब मलिक ने खरीदा, उसका सीधा रिश्ता मुंबई बम धमाके के आरोपी से है। हसीना का दाहिना हाथ सलीम पटेल हसीना के साथ साल 2007 में गिरफ्तार भी हुआ था। ईडी का कहना है कि अंडरवर्ल्ड के लोगों की जमीन को सरकारी कब्जे से बचाने के लिए नवाब मलिक ने सारा खेल किया। उसने कोर्ट को बताया कि नवाब मलिक ने जिस जमीन को खरीदा, उसकी कीमत करीब 300 करोड़ है, लेकिन इसे महज 55 लाख में खरीदा गया। इस मामले के हवाला से भी तार जुड़े हुए हैं। कुल मिलाकर नवाब मलिक इन सारे किरदारों की वजह से गहरी मुश्किल में फंस गए हैं और भले ही उनके कैबिनेट के साथी अब तक उनका साथ दे रहे हों, लेकिन ईडी ने पक्के सबूत जुटाकर नवाब मलिक के जेल जाने का रास्ता फिलहाल साफ कर दिया है।