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Kiren Rijiju Vs SC: कॉलेजियम विवाद में सुप्रीम कोर्ट को कानून मंत्री किरेन रिजिजू की खरी-खरी, बोले- कोई किसी को चेतावनी नहीं दे सकता

सुप्रीम कोर्ट ने बीते दिनों कुछ जजों की नियुक्ति के लिए केंद्र सरकार को नाम भेजे थे। इन नामों पर मुहर न लगने पर कोर्ट ने कठोर कदम उठाने की चेतावनी अटॉर्नी जनरल को दी थी। बता दें कि संविधान के तहत लिखा है कि जजों की नियुक्ति केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट से सलाह मश्विरा करके करेगी।

प्रयागराज। केंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट के बीच जारी कॉलेजियम की जंग थमने का नाम नहीं ले रही है। सुप्रीम कोर्ट ने बीते दिनों केंद्र सरकार को कठोर कदम की चेतावनी दी थी। अब इस पर केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने जवाब दिया है। किरेन रिजिजू ने शनिवार को यूपी के प्रयागराज में एक कार्यक्रम में साफ कहा कि लोकतंत्र में कोई किसी को चेतावनी नहीं दे सकता। कानून मंत्री का पद संभालने के बाद से किरेन रिजिजू लगातार सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम पद्धति से जजों की नियुक्ति के खिलाफ बोलते रहे हैं। अब उन्होंने सुप्रीम कोर्ट को संविधान का पाठ पढ़ाया है।

किरेन रिजिजू ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के जजों के बीच भाषण देते हुए कहा कि इस देश की मालिक जनता है। हम सेवक हैं। सेवा करने का मौका मिला है। उन्होंने कहा कि संविधान हमें गाइड करता है। ऐसे में कोई भी किसी को चेतावनी नहीं दे सकता। रिजिजू ने कहा कि उन्होंने मीडिया रिपोर्ट्स देखी हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को चेतावनी दी है। किरेन रिजिजू के इस बयान से साफ है कि आने वाले दिनों में केंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट के बीच कॉलेजियम पद्धति के मसले पर जंग जारी रहेगी। केंद्र सरकार पहले कॉलेजियम को हटाने के लिए कानून भी ला चुकी है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे असंवैधानिक करार देते हुए रद्द कर दिया था।

Supreme Court

सुप्रीम कोर्ट ने बीते दिनों कुछ जजों की नियुक्ति के लिए केंद्र सरकार को नाम भेजे थे। इन नामों पर मुहर न लगने पर कोर्ट ने कठोर कदम उठाने की चेतावनी अटॉर्नी जनरल को दी थी। बता दें कि संविधान के तहत लिखा है कि जजों की नियुक्ति केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट से सलाह मश्विरा करके करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने 1993 से जजों की नियुक्ति कॉलेजियम पद्धति से करनी शुरू की। मौजूदा वक्त में कॉलेजियम में चीफ जस्टिस डॉ. डीवाई चंद्रचूड़ समेत 6 वरिष्ठ जज हैं।