
नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एप्पल के सीईओ टिम कुक से कहा था कि वो भारत या किसी और देश में आईफोन बनाना बंद कर दें। ट्रंप ने ये धमकी भी दी थी कि अगर एप्पल अपने आईफोन अमेरिका की जगह भारत या किसी और देश में बनाएगा, तो उस पर 25 फीसदी टैरिफ लगा देंगे। अब न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट आई है। इस रिपोर्ट से पता चल रहा है कि डोनाल्ड ट्रंप की धमकी के आगे एप्पल का मैनेजमेंट नहीं झुका है और भारत में बने आईफोन में से ज्यादातर अमेरिका में ही बेचने के लिए भेजे गए हैं।

रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक मार्च से मई 2025 के बीच भारत से फॉक्सकॉन ने 3.2 अरब डॉलर कीमत के आईफोन विदेश बेचने के लिए भेजे। इनमें से 97 फीसदी आईफोन अमेरिका भेजे गए हैं। साल 2024 में फॉक्सकॉन ने भारत में बने आईफोन में से 50 फीसदी अमेरिका में बेचने के लिए भेजे थे। इस तरह इस साल मई तक फॉक्सकॉन ने ज्यादा आईफोन अमेरिका बेचने के लिए भेजे। रॉयटर्स के मुताबिक इस बारे में एप्पल की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। जब ट्रंप ने एप्पल के सीईओ टिम कुक को भारत और अन्य देशों में आईफोन न बनाकर अमेरिका में बनाने के लिए कहा था, उस वक्त भी कुक ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी।
अब तक एप्पल ज्यादातर आईफोन चीन में बनाता रहा। इसकी वजह वहां सस्ते में कारीगर मिलना था। जब ट्रंप ने चीन पर लगातार टैरिफ लगाया, तो एप्पल ने भारत में ज्यादातर आईफोन बनाने का फैसला किया। एप्पल ने भारत में आईफोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामान बनाने के वास्ते अब तक 1.5 अरब डॉलर का निवेश किया है। भारत में एप्पल 20 फीसदी आईफोन बनाता है। जबकि, चीन में अब भी 75 फीसदी आईफोन बनते हैं। एप्पल अपने आईफोन के लिए दक्षिण कोरिया और ताइवान से भी सामान लेता है। भारत में आईफोन बनाकर एप्पल को ज्यादा फायदा होता है। अगर वो अमेरिका में आईफोन बनाएगा, तो उसका फायदा 60 डॉलर प्रति पीस से भी कम हो जाएगा।