कोलकाता। पश्चिम बंगाल में विपक्ष का इंडिया गठबंधन फंसता दिख रहा है। वजह बना है टीएमसी सुप्रीमो और राज्य की सीएम ममता बनर्जी का फैसला। मीडिया की खबरों के मुताबिक ममता बनर्जी ने टीएमसी के नेताओं से कहा है कि वे राज्य की सभी 42 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी करें। टीएमसी की मुर्शिदाबाद इकाई के नेताओं संग ममता ने एक बैठक की। बैठक के बारे में सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है कि ममता ने इसमें साफ कहा कि अगर इंडिया गठबंधन में महत्व न मिला, तो टीएमसी राज्य की सभी लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। इन सभी सीटों पर अगर टीएमसी अपने उम्मीदवार उतारती है, तो इंडिया गठबंधन में शामिल कांग्रेस और सीपीएम से उसका सीधा टकराव होगा।
खास बात ये है कि अल्पसंख्यक बहुल मुर्शिदाबाद में बहरामपुर लोकसभा सीट भी है। इस सीट को ही कांग्रेस 2019 के लोकसभा चुनाव में जीत सकी थी। बहरामपुर से कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी सांसद बने थे। वो कांग्रेस से 5 बार के सांसद हैं। अधीर रंजन चौधरी लगातार ममता बनर्जी पर निशाना साधते रहते हैं और टीएमसी उनपर पलटवार करती रहती है। टीएमसी के एक वरिष्ठ नेता के हवाले से एबीपी न्यूज ने बताया है कि ममता ने पार्टी नेताओं की बैठक में कहा कि अगर सीपीएम, सीपीआई और आरएसपी को ज्यादा महत्व दिया गया, तो हम खुद अपना रास्ता तैयार करेंगे। उन्होंने टीएमसी के सभी नेताओं से कहा कि वे 42 लोकसभा सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ने और जीतने की तैयारी करें।
जानकारी के मुताबिक ममता बनर्जी बहरामपुर के अलावा एक और सीट कांग्रेस को देने के लिए तैयार हैं। इससे पहले खबर आई थी कि ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल में कांग्रेस को 2 सीट देने के एवज में असम में टीएमसी के लिए 2 और मेघालय में 1 सीट चाहती हैं। ऐसे में पेच काफी गंभीर फंसा हुआ दिख रहा है। साथ ही पश्चिम बंगाल में अगर टीएमसी और कांग्रेस के बीच चुनाव में टकराव के हालात बनते हैं, तो टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी की पार्टी असम और मेघालय में भी अपने उम्मीदवार तमाम जगह खड़े कर कांग्रेस के लिए मुश्किल पैदा कर सकती हैं।