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Mohan Bhagwat: ‘भारत पैरों पर खड़ा न हुआ तो नहीं बचेगी दुनिया’, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का बयान

Mohan Bhagwat: पुणे के आलंदी में संत गोविंद देव गिरी महाराज के 75वें जन्मदिन पर गीता परिवार की तरफ से कराए जा रहे कार्यक्रम में मोहन भागवत बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि काफी लंबे समय के बाद अयोध्या में रामलला का आना हुआ। आरएसएस प्रमुख ने कहा कि इस दशक की पीढ़ी का भाग्य है कि वो रामलला को अपने घर देख रही है।

पुणे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत ने अहम बात कही है। मोहन भागवत ने पुणे में गीता भक्ति अमृत महोत्सव में कहा कि दुनिया को बचाने के लिए भारत को सक्षम बनना होगा। उन्होंने कहा कि अगर भारत किसी कारण से खड़ा नहीं हो पाता, तो इससे दुनिया को जल्द भारी परेशानियों का सामना करना होगा। मोहन भागवत ने कहा कि दुनियाभर के बुद्धिजीवी इस बारे में बोल और लिख रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस वक्त दुनिया में भारी उथल-पुथल चल रही है। आरएसएस प्रमुख ने ये भी कहा कि भगवान की इच्छा और आशीर्वाद से अयोध्या में राम मंदिर बना और भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई। उन्होंने कहा कि ये बहुत साहसी कार्य है।

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पुणे के आलंदी में संत गोविंद देव गिरी महाराज के 75वें जन्मदिन पर गीता परिवार की तरफ से कराए जा रहे कार्यक्रम में मोहन भागवत बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि काफी लंबे समय के बाद अयोध्या में रामलला का आना हुआ। आरएसएस प्रमुख ने कहा कि इस दशक की पीढ़ी का भाग्य है कि वो रामलला को अपने घर देख रही है। उन्होंने कहा कि अब भारत को आगे बढ़ना है और दुनिया को उसकी जरूरत है। मोहन भागवत ने ये भी कहा कि किसी प्राचीन ग्रंथ के अर्थ को बिना गलती ठीक से समझने की जरूरत है। इसके लिए गीता भक्ति अमृत महोत्सव जैसे कार्यक्रमों का महत्व भी उन्होंने बताया। मोहन भागवत ने कहा कि अखंड भारत कट्टरता और अविश्वास की दीवारों को तोड़ देगा।

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत इससे पहले भी देश में सांप्रदायिक सौहार्द और भारत को आगे बढ़ाने के लिए लोगों के योगदान की बातें कहते रहे हैं। मोहन भागवत ने सभी से मिलकर देश को आगे ले जाने का आग्रह किया था। उन्होंने ये नसीहत भी दी थी कि हर मस्जिद में हमें शिवलिंग नहीं तलाशना चाहिए। मोहन भागवत ने दिल्ली के मदरसे जाकर वहां भी छात्रों से मुलाकात की थी और उनकी शिक्षा-दीक्षा की जानकारी ली थी। अब मोहन भागवत ने दुनिया के हित के लिए भारत का अपने पैरों पर मजबूती से खड़ा होने को जरूरी बताया है।