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Congress On Backfoot!: पीएम मोदी से लगातार शिकस्त खा रही कांग्रेस भूली हेकड़ी, अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे लगा रहे गुहार!

इससे पहले कांग्रेस के नेता कहते रहे हैं कि उनकी पार्टी ही विपक्ष का नेतृत्व करेगी। तमाम कांग्रेस नेता राहुल गांधी को ही पीएम के तौर पर प्रोजेक्ट भी करते रहे हैं। इसकी वजह से 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है।

चेन्नई। कांग्रेस शायद समझ रही है कि राहुल गांधी के लिए पीएम पद वाला अपना अड़ियल रुख और सबसे पुरानी पार्टी होने की हेकड़ी छोड़े बिना पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी से टकराना संभव नहीं है। अगले साल यानी 2024 में लोकसभा के चुनाव होंगे। इससे पहले विपक्षी दलों का नेतृत्व करने की अपनी पुरानी जिद कांग्रेस छोड़ती नजर आ रही है। कांग्रेस अब विपक्ष से एकजुट होने की गुहार लगाती दिख रही है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का ताजा बयान इसी के संकेत दे रहा है। खरगे ने बुधवार को चेन्नई में कहा कि हम एकसाथ चुनाव लड़ना चाहते हैं। यही फिलहाल हमारी इच्छा है। दरअसल, चेन्नई में तमिलनाडु के सीएम और डीएमके के चीफ एमके स्टालिन के जन्मदिन पर बड़ी रैली थी। इसी रैली में मल्लिकार्जुन खरगे ने ये अहम बयान दिया है। इससे पहले कांग्रेस की तरफ से कभी ऐसा बयान नहीं आया था।

mallikarjun kharge in mk stalin birthday rally
चेन्नई में एमके स्टालिन के जन्मदिन पर हुई रैली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और अन्य विपक्षी नेता।

खरगे ने रैली में कहा कि हम पीएम उम्मीदवार का नाम नहीं दे रहे हैं। हम ये भी नहीं बता रहे हैं कि विपक्ष का नेतृत्व कौन करेगा। ये सवाल अभी नहीं है। हमें 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले अपने गठबंधन को मजबूत करना चाहिए। खरगे ने रैली में ये भी कहा कि तमिलनाडु में कांग्रेस और डीएमके ने मिलकर 2004, 2009 लोकसभा में अच्छा प्रदर्शन किया था। 2006 और 2021 के विधानसभा चुनाव में भी जीते। दोनों पार्टियों को लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन को मजबूत करने की जरूरत है। खरगे का ये बयान विपक्षी एकता के लिए अहम माना जा रहा है।

मल्लिकार्जुन खरगे के इस बयान से ये भी साफ हो रहा है कि कांग्रेस अब विपक्षी दलों का अगुवा बनने की जिद छोड़ रही है। इससे पहले कांग्रेस के नेता कहते रहे हैं कि उनकी पार्टी ही विपक्ष का नेतृत्व करेगी। तमाम कांग्रेस नेता राहुल गांधी को ही पीएम के तौर पर प्रोजेक्ट भी करते रहे हैं। इसकी वजह से 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है। नतीजे में कांग्रेस और उसके नेता अब विपक्षी एकता के लिए अपने पुराने अड़ियल रवैये को छोड़ते नजर आ रहे हैं।