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Babri Masjid Case: बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले फैसला आज, अदालत परिसर में बढ़ाई गई सुरक्षा

Babari Masjid: गौरतलब है कि इस मामले में भाजपा(BJP), शिवसेना(Shivsenna) व विहिप(VHP) के वरिष्ठ नेताओं के साथ साधु-संत भी आरोपित हैं। 28 साल बाद इस मामले में कोर्ट अपना फैसला सुना रही है।

नई दिल्ली। अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में कोर्ट आज फैसला सुनाएगा। इसको देखते हुए अदालत परिसर के बाहर सुरक्षा के खास इंतजाम किए गए हैं। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार सीबीआई कोर्ट ने सुनवाई पूरी कर 2 सितंबर से अपना निर्णय लिखवाना शुरू कर दिया था। इसपर फैसला क्या आएगा, इसको लेकर हर कोई कयास लगा रहा है। गौरतलब है कि इस मामले में भाजपा, शिवसेना व विहिप के वरिष्ठ नेताओं के साथ साधु-संत भी आरोपित हैं। 28 साल बाद इस मामले में कोर्ट अपना फैसला सुना रही है। इस मामले में 18 आरोपियों की अबतक मौत हो चुकी है तो कुछ अपने जीवन के अंतिम पड़ाव में हैं। ऐसे में दिलचस्प होगा कि आखिर कोर्ट से उन्हें सजा मिलेगी या राहत। आपको बता दें कि स्पेशल सीबीआई कोर्ट आज बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में अपना फैसला सुनाएगी। अदालत ने सभी 32 आरोपियों को अदालत में उपस्थित रहने को कहा है। सुनवाई से पहले अदालत परिसर में सुरक्षा बढ़ाई गई।

Babari Masjid

बाबरी मस्जिद को राम मंदिर आंदोलन के बाद 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में जुटे लाखों कारसेवकों ने ढहा दिया था। बाबरी मस्जिद स्ट्रक्चर गिराने के बाद उसी स्थान पर एक अस्थाई राम मंदिर का निर्माण कर दिया गया और पूजा पाठ शुरू कर दी गई। इस मामले में उसी दिन अयोध्या पुलिस ने दो एफआईआर दर्ज की थीं। पहली एफआईआर कारसेवकों के खिलाफ दर्ज की गई। जिसका नंबर 197/1992 था. इस एफआईआर में कारसेवकों पर डकैती, लूटपाट, मारपीट करना, चोट पहुंचाना, सार्वजनिक इबादत गाह को क्षतिग्रस्त करने और धार्मिक वैमनस्यता भड़काने के आरोप लगाए गए थे।

वहीं दूसरी FIR संख्या 198/1992 में भारतीय जनता पार्टी, विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े कुल आठ नेताओं और पदाधिकारियों को आरोपी बनाया गया था। इन लोगों में विश्व हिंदू परिषद के तत्कालीन महासचिव अशोक सिंघल, बजरंग दल नेता विनय कटियार, साध्वी ऋतंभरा, उमा भारती, विष्णु हरि डालमिया, बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, गिरिराज किशोर के नाम थे।