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Tokyo 2020 Paralympics: मेडल जीतने पर फोन कर PM मोदी ने बढ़ाया भाविना का हौसला, दोनों का है खास कनेक्शन

Tokyo 2020 Paralympics: पीएम मोदी ने भाविना पटेल से बात कर उन्हें पैरालिंपिक का सिल्वर मेडल जीतने पर शुभकामनाएं दी। पीएम ने उनके प्रयासों की सराहना कर कहा कि उन्होंने इतिहास रच दिया है। पीएम ने भाविना से बातचीत के दौरान उनके परिवार वालों के बारे में भी पूछा।

नई दिल्ली। टोक्यो खेलों में महिला एकल क्लास 4 वर्ग के फाइनल में भारत के लिए मेडल लाने वाली भारतीय खिलाड़ी भाविना पटेल को PM मोदी ने बधाई दी है। पीएम मोदी ने भाविना पटेल से बात कर उन्हें पैरालिंपिक का सिल्वर मेडल जीतने पर शुभकामनाएं दी। पीएम ने उनके प्रयासों की सराहना कर कहा कि उन्होंने इतिहास रच दिया है। भाविना पटेल गुजरात की ही हैं। उनका घर मेहसाणा के वडनगर में है। पीएम ने उन्हें बताया कि वो भी अकसर सुंधिया जाते हैं। यहां बता दें, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बचपन गुजरात के वडनगर में गुजरा है। पीएम मोदी यहां रेलवे स्टेशन पर पिता दामोदर दास मोदी के साथ रेल यात्रियों को चाय पिलाया करते थे। पीएम ने भाविना से बातचीत के दौरान उनके परिवार वालों के बारे में भी पूछा। पीएम मोदी ने उनसे सवाल किया उनके परिवार में कौन-कौन हैं। जिस पर भाविना ने जवाब दिया कि परिवार में उनके माता-पिता हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी बधाई

भाविना की जीत पर उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बधाई दी है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “विलक्षण भाविना पटेल ने इतिहास रच दिया! वह ऐतिहासिक रजत पदक के साथ घर आएंगी। उसके लिए बधाई। उनकी जीवन यात्रा प्रेरित करने वाली है और अधिक युवाओं को खेलों की ओर आकर्षित करेगी।”

टोक्यो पैरालिंपिक ओलंपिक में महिला एकल क्लास 4 वर्ग के फाइनल में पहुंचीं भारतीय खिलाड़ी भाविना पटेल को हार मिली, लेकिन बावजूद इसके वो पैरालिंपिक में पदक जीतने वाली भारत की पहली टेबल टेनिस खिलाड़ी बन गई हैं। भाविना ने पैरालिंपिक में रजत पदक पर कब्जा जमाया। आज रविवार को फाइनल में चीन की वर्ल्ड नंबर-1 झाउ यिंग ने 34 साल की भाविना को 11-7, 11-5, 11-6 से मात दी।

शनिवार को सेमीफाइनल में भाविना ने चीन की ही झांग मियाओ को 7-11, 11-7, 11-4, 9-11, 11-8 से हराकर फाइनल में जगह पक्की की थी। भाविना की ओर से जीता गया मेडल मौजूदा पैरालिंपिक खेलों में भारत का पहला पदक है। भले ही भाविना को खेल में हार का सामना करना पड़ा हो, लेकिन उन्होंने पहले गेम में झाउ यिंग को कड़ी टक्कर दी।

13 साल पहले अहमदाबाद के वस्त्रापुर इलाके में भाविना पटेल ने नेत्रहीन संघ में खेलना शुरू किया था। यहां भाविना दिव्यांगों के लिए बने आईटीआई की छात्रा थीं। जिसके बाद बाद उन्होंने दृष्टिदोष वाले बच्चों को टेबल टेनिस खेलते देखा और इसी से उन्हें इस खेल के प्रति रुचि जागी।