newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Toolkit Case: ‘टूलकिट’ केस में दिल्ली पुलिस का बड़ा दावा, ISI से जुड़े शख्स का नाम आया सामने

Toolkit Case: दिल्ली पुलिस ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग प्लेटफॉर्म जूम से उन लोगों के बारे में जानकारी साझा करने को कहा है, जो 11 जनवरी की वर्चुअल बैठक में शामिल हुए थे। पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन ने इस मीटिंग का आयोजन किया था, जिसमें 26 जनवरी को किसानों की हड़ताल और ग्लोबल डे ऑफ एक्शन के तौर तरीकों वाले शीर्षक से ‘टूलकिट’ बनाने का फैसला किया गया था।

नई दिल्ली। किसानों के समर्थन में  पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग (Greta Thunberg) द्वारा शेयर किया गया टूलकिट इस वक्त पूरे देश में चर्चा का विषय बन हुआ है। इस मामले में दिशा रवि को भी पुलिस ने बेंगलुरू से गिरफ्तार किया है। इस मामले में एक के बाद एक रोज नए खुलासे हो रहे है। इसी कड़ी में अब  पुलिस ने नया खुलासा किया है। पुलिस ने बताया है कि इस टूलकिट में पीटर फ्राइडरिच नाम के शख्स का भी जिक्र है। पुलिस ने दावा किया है कि इस शख्स का संबंध ISI के साथ है। इसके साथ ही पुलिस ने बताया है कि अब वो इस मामले में जांच कर रहे हैं कि पीटर फ्राइडरिच का नाम इस टूलकिट में क्यों और कैसे आया है।

Disha ravi Arrested

‘टूलकिट’ मामले पर दिल्ली पुलिस ने जूम से जवाब मांगा

दिल्ली पुलिस ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग प्लेटफॉर्म जूम से उन लोगों के बारे में जानकारी साझा करने को कहा है, जो 11 जनवरी की वर्चुअल बैठक में शामिल हुए थे। पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन ने इस मीटिंग का आयोजन किया था, जिसमें 26 जनवरी को किसानों की हड़ताल और ग्लोबल डे ऑफ एक्शन के तौर तरीकों वाले शीर्षक से ‘टूलकिट’ बनाने का फैसला किया गया था। इसमें पुलिस के आरोप के मुताबिक, मुंबई में वकील निकिता जैकब और पुणे के इंजीनियर शांतनु, दिशा सहित और भी कई लोग शामिल थे। दिल्ली पुलिस जूम मीटिंग में ग्रेटा थनबर्ग के शामिल होने की भी जांच कर रही है। सूत्रों के मुताबिक, देश और विदेश से लगभग 60 से 70 लोग इस मीटिंग में शामिल हुए थे। पुलिस ने कहा है कि कनाडा में स्थित खालिस्तानी समर्थक संगठन पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन के संस्थापक एमओ. धालीवाल ने पुनीत के माध्यम से निकिता संग संपर्क किया था, जो कि गणतंत्र दिवस से पहले ट्विटर पर हलचल मचाने वाला एक कनाडाई नागरिक है।

Disha Ravi

पुलिस ने कहा कि कनाडा की रहने वाली पुनीत नाम की इस महिला ने ही इन लोगों को पीजेएफ संग जोड़ा था और इसी के माध्यम से ‘ग्लोबल फार्मर स्ट्राइक’ और ‘ग्लोबल डे ऑफ एक्शन 26 जनवरी’ जैसे शीर्षकों वाले टूलकिट गूगल दस्तावेजों का निर्माण किया था। सूत्रों के अनुसार, एक अन्य महिला अनीता लाल का नाम भी टूलकिट दस्तावेज के सह-संस्थापक के रूप में सामने आया है।

दिल्ली पुलिस के अनुसार, इस टूलकिट दस्तावेज के एक हिस्से में ‘प्रायर एक्शन’ के नाम से कुछ एक्शन पॉइंट्स का उल्लेख किया गया था जैसे कि 26 जनवरी के हैशटैग से डिजिटल स्ट्राइक करना, फिजिकल एक्शन की साजिश रचना। हालांकि इससे पहले 23 जनवरी से ही ट्विटर पर बातों का सिलसिला शुरू हो गया था। दिल्ली पुलिस ने आगे बताया कि इसी दस्तावेज के दूसरे भाग में भारत की सांस्कृतिक विरासत जैसे ‘योग’, ‘चाय’ सहित विभिन्न देशों में भारतीय दूतावासों को लक्षित करने जैसे कार्यो का भी उल्लेख है।