नई दिल्ली। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार ने कांग्रेस में खलबली मचा दी है। उत्तर प्रदेश के बाद यही वो राज्य है, जो किसी भी सियासी दल के लिए बेहद ही मायने रखता है। ऐसे में इस राज्य में मिली करारी शिकस्त ने कांग्रेस आलाकमान के होश उड़ा दिए हैं। आगामी लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए शीर्ष नेतृत्व की चिंता बढ़ गई है, जिसे ध्यान में रखते हुए संगठनात्मक स्तर पर फेरबदल का सिलसिला शुरू हो चुका है।
इसी कड़ी में आज मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्य़क्ष कमलनाथ से इस्तीफा लेकर उनकी जगह जीत पटवारी को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। वहीं, हैरान करने वाली बात है कि कमलनाथ को पार्टी की ओर से कोई भी जिम्मेदारी अब तक नहीं दी गई है। हालांकि, उन्हें उम्मीद थी कि शायद उन्हें पार्टी की ओर से प्रतिपक्ष की कमान सौंपी जाएगी, लेकिन अफसोस ऐसा नहीं हुआ। बता दें कि कांग्रेस ने नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी उमर सिंघार को सौंपी है, जिसे ध्यान में रखते हुए माना जा रहा है कि आगामी दिनो में कलमनाथ की कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से नाराजगी गहरा सकती है।
आपको बता दें कि कमलनाथ के बेटे मुकुलनाथ छिंदवाड़ा से सांसद हैं, तो ऐसे में बहुत मुमकिन है कि आगामी लोकसभा चुनाव में पार्टी को सियासी मोर्चे पर इसकी भारी कीमत चुकानी पड़े। ध्यान दें, कमलनाथ सोनिया-गांधी परिवार के काफी करीबी माने जाते हैं। यही नहीं, उन्हें इंदिरा गांधी की तीसरा बेटा भी कहा जाता था। गत 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद उन्हें सीएम भी बनाया गया था, लेकिन सिंधिया की बगावत ने कांग्रेस को अधर में लटका दिया, जिसकी वजह से बीजेपी बाजी मारने में कामयाब रही। इसके चलते कमलनाथ को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ गया। इसके बाद शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री पद पर विराजमान हुए। वहीं, अब हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा। उधर, बीजेपी ने जीत हासिल करते हुए मोहन यादव को सीएम पद की कमान सौंपी। ऐसे में अब पार्टी आगामी दिनों में सियासी मोर्चे पर क्या कुछ कदम उठाती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।