newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Tussle In Mahagathbandhan: बिहार में विपक्ष के महागठबंधन में रार की नौबत!, सीपीआई-एमएल ने ठोका लोकसभा की 8 सीट पर दावा, सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस भी चाहती है ज्यादा हिस्सा

Tussle In Mahagathbandhan: बिहार में विपक्षी महागठबंधन में लोकसभा सीटों के बंटवारे पर पेच फंस गया है। महागठबंधन में शामिल सीपीआई-एमएल ने अपना दावा ठोक दिया है। वहीं, कांग्रेस खेमे से भी जो खबर आई है, वो महागठबंधन में शामिल आरजेडी को परेशान कर सकती है।

पटना। बिहार में विपक्षी महागठबंधन में लोकसभा सीटों के बंटवारे पर पेच फंस गया है। पेच भी ऐसा फंसा है कि महागठबंधन के घटक दलों के बीच रार भी मच सकती है। ताजा घटनाक्रम में महागठबंधन में शामिल सीपीआई-एमएल ने अपना दावा ठोक दिया है। वहीं, कांग्रेस खेमे से भी जो खबर आई है, वो महागठबंधन में शामिल आरजेडी को परेशान कर सकती है। पहले आपको बताते हैं कि बिहार के महागठबंधन में शामिल सीपीआई-एमएल ने क्या कहा है। सीपीआई-एमएल की तरफ से बयान जारी कर बिहार की 8 लोकसभा सीटों पर दावा किया गया है।

सीपीआई-एमएल की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि बिहार में सीटों का तालमेल न होना चिंताजनक है। पार्टी ने महागठबंधन से कहा है कि जल्दी ही लोकसभा सीटों के बंटवारे पर फैसला होना चाहिए। सीपीआई-एमएल ने अपने बयान में ये एलान भी किया है कि वो बिहार की 8 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। वहीं, सूत्रों के मुताबिक बिहार की 10 से ज्यादा सीटों पर कांग्रेस भी चुनाव लड़ना चाहती है। इससे पहले खबर आई थी कि महागठबंधन में शामिल लालू प्रसाद यादव की आरजेडी कांग्रेस को 5 सीटें तक देने के लिए तैयार है। जबकि, उस वक्त ये चर्चा थी कि कांग्रेस 8 लोकसभा सीटें मांग रही है, लेकिन अब अगर कांग्रेस की तरफ से 10 से ज्यादा लोकसभा सीट लेने के लिए दबाव बनाया गया, तो इसे लेकर महागठबंधन में पेच फंस सकता है।

बिहार में लोकसभा की 40 सीटें हैं। पिछली बार यानी 2019 में बीजेपी नीत एनडीए ने इनमें से 39 सीटों पर जीत हासिल की थी। वहीं, महागठबंधन को सिर्फ किशनगंज लोकसभा सीट पर ही जीत मिल सकी थी। इस बार फिर बीजेपी, जेडीयू और एलजेपी का चिराग पासवान गुट एक साथ मैदान में उतर रहे हैं। वहीं, चिराग के चाचा पशुपति पारस बीजेपी का रुख भांपकर अगला कदम उठाने की बात कह रहे हैं। एनडीए का दावा है कि वो इस बार बिहार की सभी 40 सीटों पर लोकसभा का चुनाव जीतेगी। अगर ऐसा होता है, तो इससे कांग्रेस और आरजेडी समेत महागठबंधन के दलों को जोर का झटका निश्चित तौर पर लगेगा।