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Sanjay Raut On Congress: महाराष्ट्र चुनाव से पहले महाविकास अघाड़ी में सीट बंटवारे पर खींचतान!, उद्धव ठाकरे के करीबी संजय राउत बोले- कांग्रेस के नेता तारीख पर तारीख दे रहे

Sanjay Raut On Congress: महाराष्ट्र में विपक्ष की महाविकास अघाड़ी में खींचतान दिख रही है। संजय राउत ने कहा कि कांग्रेस के नेता तारीख पर तारीख दे रहे हैं। फिर भी हमने उनको बुलाया है कि अब विधानसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे का मसला सुलझना चाहिए और अगले 3 दिन हम बैठकर बात करेंगे।

मुंबई। महाराष्ट्र में नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं और इससे पहले विपक्षी कांग्रेस, उद्धव ठाकरे के शिवसेना गुट और शरद पवार के एनसीपी गुट वाली महाविकास अघाड़ी में खींचतान होती दिख रही है। उद्धव ठाकरे की शिवसेना-यूबीटी के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कांग्रेस नेताओं पर सवाल खड़ा किया है। संजय राउत ने कहा कि कांग्रेस पार्टी आजकल बहुत व्यस्त है। कांग्रेस के नेता इतने व्यस्त हैं कि 10 दिन तक भी समय नहीं दे पा रहे।

संजय राउत ने कहा कि कांग्रेस के नेता तारीख पर तारीख दे रहे हैं। फिर भी हमने उनको बुलाया है कि अब विधानसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे का मसला सुलझना चाहिए और अगले 3 दिन हम बैठकर बात करेंगे। संजय राउत ने कहा कि मुंबई में सीट बंटवारे पर बातचीत लगभग पूरी हो चुकी है, लेकिन महाराष्ट्र बड़ा राज्य है और क्षेत्र के हिसाब से बातचीत की जरूरत है। दरअसल, कांग्रेस, उद्धव ठाकरे की शिवसेना और शरद पवार की एनसीपी के बीच महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के सीट बंटवारे के मसले पर कई दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन अब तक इसका कोई नतीजा नहीं निकला है। लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में बेहतर प्रदर्शन करने वाली कांग्रेस ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। वहीं, उद्धव ठाकरे की शिवसेना की राय है कि जहां जीतने की स्थिति है, उसे देखते हुए सीटों का बंटवारा किया जाना चाहिए। बीते दिनों ये खबर भी आई थी कि उद्धव ठाकरे की शिवसेना चाहती है कि महाविकास अघाड़ी सीएम के चेहरे का भी एलान करे। इस मसले पर भी खींचतान की जानकारी सूत्रों के हवाले से आई थी।

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महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी के सामने ये भी मुश्किल है कि उद्धव ठाकरे की शिवसेना और शरद पवार की एनसीपी में बड़ी टूट हो चुकी है। उद्धव ठाकरे ने 2019 में बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। फिर सत्ता पर बैठने के मसले पर उनकी बीजेपी से ठन गई। नतीजे में दशकों पुराना साथी छोड़कर उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस और एनसीपी से हाथ मिलाकर महाराष्ट्र की सत्ता हासिल की थी, लेकिन फिर एकनाथ शिंदे समेत 39 विधायकों की बगावत से शिवसेना टूट गई। वहीं, अजित पवार ने चाचा शरद पवार के खिलाफ बगावत कर एनसीपी तोड़ी और सत्ता में भागीदारी कर ली। अब महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव हैं और शिंदे व अजित की बगावत के कारण उद्धव ठाकरे और शरद पवार के लिए मुसीबत है कि वे अपने बागी गुटों को किस तरह शिकस्त दें। वहीं, लोकसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करने वाली कांग्रेस भी ज्यादा सीटों पर अपना दावा छोड़ना नहीं चाहती है।