newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Uddhav Thakrey: भविष्य पर चर्चा के लिए उद्धव ठाकरे ने बुलाई साथी विधायकों और सांसदों की बैठक, सहयोगी शरद पवार ने दिया ये सुझाव

चुनाव आयोग ने शिवसेना का संविधान लोकतांत्रिक न होने और एकनाथ शिंदे गुट के साथ ज्यादा विधायक और सांसद होने का हवाला देते हुए पार्टी का नाम और तीर-कमान का चुनाव चिन्ह उद्धव से छीनकर शिंदे गुट को दे दिया है। उद्धव ने इसे तानाशाही बताया था। वहीं, एकनाथ शिंदे ने खुशी जाहिर करते हुए कहा था कि उद्धव ने शिवसेना का नाम और चुनाव चिन्ह गिरवी रख दिया था।

मुंबई। शिवसेना का नाम और तीर-कमान वाला चुनाव चिन्ह एकनाथ शिंदे गुट को चुनाव आयोग ने दे दिया है। इससे उद्धव ठाकरे गुट काफी परेशान है। उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को शिंदे गुट पर चोर होने का इल्जाम लगाया था। साथ ही उन्होंने इस मामले को कोर्ट ले जाने की बात कही थी। अब उद्धव ठाकरे आज अपने गुट के विधायकों और सांसदों के साथ इस मसले पर विचार करने जा रहे हैं। उद्धव ने साथी विधायकों और सांसदों की बैठक बुलाई है। उद्धव के साथ अभी 15 विधायक और लोकसभा-राज्यसभा मिलाकर 6 सांसद हैं। उद्धव इस बैठक में सभी की राय पूछकर आगे का कदम उठाएंगे।

sharad pawar 12

इस बीच, उद्धव के सहयोगी और एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने सलाह दी है कि इस बारे में उद्धव ज्यादा चर्चा न करें। शरद पवार ने कहा है कि शिवसेना का नाम और तीर-कमान चुनाव चिन्ह गंवाने से ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा। उन्होंने उद्धव को चुनाव आयोग का फैसला मान लेने की सलाह दी है। शरद पवार का कहना है कि इंदिरा गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस के अलग हुए गुट ने 1978 में नया चुनाव चिन्ह लिया था। जिसका कोई नुकसान इंदिरा गांधी को नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि उद्धव को नया चुनाव चिन्ह लेना चाहिए।

Uddhav

चुनाव आयोग ने शिवसेना का संविधान लोकतांत्रिक न होने और एकनाथ शिंदे गुट के साथ ज्यादा विधायक और सांसद होने का हवाला देते हुए पार्टी का नाम और तीर-कमान का चुनाव चिन्ह उद्धव से छीनकर शिंदे गुट को दे दिया है। उद्धव ने इसे तानाशाही बताया था। वहीं, एकनाथ शिंदे ने खुशी जाहिर करते हुए कहा था कि उद्धव ने शिवसेना का नाम और चुनाव चिन्ह गिरवी रख दिया था। जिसे उन्होंने वापस हासिल किया है। फिलहाल ये मामला यहीं शांत होता नहीं लग रहा है। सुप्रीम कोर्ट में पहले ही दोनों पक्षों के बीच मामला चल रहा है। अब शिवसेना के नाम और तीर-कमान वाले चुनाव चिन्ह के मसले पर भी कोर्ट में जंग तेज होगी।