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Uttarakhand UCC: उत्तराखंड में यूसीसी लागू होने की आई बेला, सीएम पुष्कर सिंह धामी ने इसे बताया गर्व का क्षण

Uttarakhand UCC: साल 2022 में जब उत्तराखंड विधानसभा के चुनाव हुए थे, तब सीएम पुष्कर सिंह धामी ने दोबारा सरकार बनने पर यूसीसी लागू करने का वादा जनता से किया था। सरकार दोबारा बनने के बाद बीजेपी की सरकार ने यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए कमेटी बनाई।

देहरादून। उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता यानी यूसीसी लागू होने का वक्त आ गया है। सीएम पुष्कर सिंह धामी आज उत्तराखंड विधानसभा में यूसीसी पर बिल पेश करने वाले हैं। इस ड्राफ्ट बिल को सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस रहीं रंजना देसाई की अध्यक्षता वाली एक कमेटी ने तैयार किया है। यूसीसी लागू होने के बाद उत्तराखंड में रहने वाले लोगों के लिए एक समान कानून हो जाएगा। जिसका गहरा असर पड़ने वाला है। यूसीसी बिल के ड्राफ्ट को 4 खंडों में जस्टिस देसाई ने पिछले दिनों सीएम पुष्कर सिंह धामी को सौंपा था। फिर सीएम ने कैबिनेट की बैठक बुलाई। कैबिनेट ने यूसीसी के ड्राफ्ट को मंजूरी दी थी। हालांकि, कुछ मुस्लिम धर्मगुरुओं ने इसे उनके मजहब में दखलंदाजी की कोशिश बताकर विरोध करने का भी एलान किया है। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने इसे गर्व का क्षण बताया है।

उत्तराखंड में यूसीसी का ड्राफ्ट बिल कानून बन जाने के बाद लागू होगा। यूसीसी के लागू होने के बाद सभी धर्म के लोगों के लिए तलाक का एक जैसा कानून होगा। इसके अलावा सभी धर्म के लोगों को बेटियों को भी विरासत देनी होगी। जबकि, मुस्लिम पर्सनल लॉ में तलाक और उत्तराधिकार यानी विरासत के लिए अलग प्रबंध है। यूसीसी लागू होने पर एक से ज्यादा शादी पर रोक भी लगेगी। इसके अलावा यूसीसी में प्रावधान किया गया है कि लिव इन में रहने वालों को सरकारी तंत्र को जानकारी भी देनी होगी। राज्य के आदिवासियों को यूसीसी से बाहर रखा गया है। विधानसभा में बिल पेश होने के बाद यूसीसी के तहत लागू होने वाले अन्य नियमों की जानकारी मिलेगी। देश में अब तक गोवा में यूसीसी है। पुर्तगाल के शासन के दौरान गोवा में यूसीसी लागू किया गया था। इस तरह यूसीसी लागू करने वाला उत्तराखंड दूसरा राज्य हो जाएगा।

जस्टिस रंजना देसाई की अध्यक्षता में उत्तराखंड यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार किया गया है।

साल 2022 में जब उत्तराखंड विधानसभा के चुनाव हुए थे, तब सीएम पुष्कर सिंह धामी ने दोबारा सरकार बनने पर यूसीसी लागू करने का वादा जनता से किया था। सरकार दोबारा बनने के बाद बीजेपी की सरकार ने यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए कमेटी बनाई। यूसीसी को संविधान के तहत लाया जा रहा है। संविधान के नीति निर्देशक तत्व में कहा गया है कि सरकार यूसीसी लागू करने की दिशा में काम करेगी। यूसीसी को पूरे देश के लिए केंद्र सरकार भी लागू कर सकती है। जबकि, राज्यों को भी इसे लागू करने का अधिकार है।