लखनऊ। यूपी में विधानसभा चुनाव होने में बस दो महीने बचे हैं। ऐसे में सत्तारूढ़ बीजेपी और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेजी पकड़ रहा है। विपक्षी दल मसलन अखिलेश यादव की सपा, मायावती की बीएसपी और प्रियंका गांधी वाड्रा की कांग्रेस, योगी आदित्यनाथ की सरकार को कामकाज और कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर घेर रही है। वहीं, बीजेपी ने अखिलेश, मायावती और प्रियंका को घेरने के लिए पुरानी रणनीति पर काम शुरू किया है। यही रणनीति बीजेपी ने 2014 के लोकसभा चुनाव और 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले अपनाई थी और यूपी में बड़ी जीत हासिल की थी। रणनीति पुरानी भले हो, लेकिन बीजेपी के नेताओं को उम्मीद है कि इस बार भी ये काम कर जाएगी। पुरानी रणनीति आखिर है क्या ? इस सवाल का जवाब है कि बीजेपी विपक्ष पर उनकी सरकारों के दौरान हुए गलत काम को मुद्दा बनाकर हमले कर रही है। साथ ही अपनी सरकार की उपलब्धियों को जनता तक पहुंचा रही है। योगी सभाएं कर रहे हैं, तो पीएम नरेंद्र मोदी भी किसी प्रोजेक्ट के शिलान्यास और लोकार्पण के दौरान यूपी के विपक्षी दलों पर करारा वार करते हैं। सोशल मीडिया तो अपनी जगह है ही। इन सारे तौर-तरीकों से बीजेपी विपक्ष को नेस्तनाबूद करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। खासकर अखिलेश यादव और मायावती उसके निशाने पर रहते हैं। परिवारवाद और आतंकवाद की मदद करने को बीजेपी ने बड़ा मुद्दा बना लिया है।
बीजेपी इसके अलावा युवाओं को भी पार्टी से जोड़ने का काम कर रही है। बीजेपी के युवा मोर्चा से कहा गया है कि चुनाव से पहले हर हाल में कम से कम 10 लाख युवाओं को बीजेपी से जोड़ना है। किसान मोर्चा को भी हर जिले में ट्रैक्टर रैली निकालने के लिए कहा गया है। इससे आंदोलनकारी किसान नेताओं की कलई खोलने का काम बीजेपी कर रही है। जबकि, अनुसूचित जाति मोर्चा और ओबीसी मोर्चा भी इन समाज के लोगों को बीजेपी से जोड़ने में जुटे हैं। कमल शक्ति संवाद के जरिए महिलाओं को भी पार्टी से जोड़ा जा रहा है।
पीएम मोदी अब तक 4 बार यूपी आ चुके हैं। सीएम योगी हर दिन किसी न किसी जिले का दौरा कर रहे हैं। मोदी को अब 13 दिसंबर को फिर यूपी के दौरे पर आना है। वह उस तारीख को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी जाएंगे और वहां विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण करेंगे। इसके अलावा गोरखपुर में खाद कारखाने को दोबारा शुरू कराने का काम भी योगी सरकार पीएम मोदी से कराने जा रही है। चुनाव की तारीखों के एलान के बाद पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अन्य बड़े नेताओं की रैलियां कराने पर बीजेपी सबसे ज्यादा जोर देने जा रही है।