नई दिल्ली। धर्मांतरण मामले में हर रोज बड़े खुलासे हो रहे हैं। इसी बीच खबर है कि उत्तर प्रदेश और दिल्ली में हुए धर्म परिवर्तन मामले में अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शिकंजा कसा है। दरअसल धर्मांतरण मामले में ईडी ने केस दर्ज कर लिया है। खबरों के मुताबिक, केंद्रीय जांच एजेंसी ने उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर को टेक ओवर कर लिया है। अब दिल्ली और यूपी समेत कई अन्य राज्यों में भी हुए धर्म परिवर्तन की जांच ईडी ही करेगी। खबरों की मानें तो, ईडी विदेश से हुई फंडिंग मामले की भी जांच करेगी। सूत्रों के अनुसार, ईडी मुख्यालय में ये मामला दर्ज हुआ है।
बता दें कि यूपी एटीएस ने बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए धर्मांतरण कराने वाले रैकेट का भंडाफोड़ किया थी। इस मामले 2 मौलाना को धर दबोचा था। यूपी एटीएस की टीम ने मुफ्ती काजी जहांगीर, मोहम्मद उमर गौतम को गिरफ्तार किया था। दोनों दिल्ली के जामिया नगर के रहने वाले है।
यूपी एटीएस की बड़ी कामयाबी, धर्मांतरण के रैकेट का पर्दाफाश, करीब 1000 लोगों के धर्म बदलवाने का आरोप, दो मौलाना गिरफ्तार @Uppolice pic.twitter.com/Hjc8c4OJNB
— Newsroom Post (@NewsroomPostCom) June 21, 2021
इस केस में टेरर एंगल सामने आने के बाद से ही खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) पूरे मामले की मॉनिटरिंग कर रहे है। सीएम योगी ने इस पूरे मामले का खुलासा करने वाली जांच एजेंसियों को सख्त निर्देश दिए हैं। सीएम योगी ने पहले ही मामले में आरोपियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। साथ ही सीएम योगी ने आरोपियों की प्रॉपर्टी जब्त करने के भी आदेश दिए थे।
जाकिर नाइक की तर्ज पर हो रहा था धर्मांतरण का खेल, हुआ भंडाफोड़
इससे पहले भारत में नफरत फैलाने के आरोपों का सामना कर रहे भगोड़े इस्लामिक धर्म गुरु जाकिर नाइक (Zakir Naik) का नाम भी इस मामले से तार जुड़े नजर आए। दरअसल आईडीसी का कतर स्थित सलाफी उपदेशक डॉ बिलाल फिलिप्स द्वारा स्थापित इस्लामिक ऑनलाइन विश्वविद्यालय के साथ संबंध हैं, जो जाकिर नाइक का सहयोगी बताया जाता हैं।
बता दें कि इस रैकेट को कई एनजीओ के जरिए पैसा मिलता है। खास बात ये है कि ये रैकेट जाकिर नाइक की तर्ज पर ही धर्मांतरण का खेल-खेल रहा था। क्योंकि जिस तरह जाकिर नाइक महिलाओं कमजोर वर्ग के लोगों का बेन व्राश करके उन्हें पैसे का लालच देकर धर्म परिवतर्न करता था ठीक उसी की तर्ज पर ये 2 दोनों मौलाना मूक बधिर और कमजोरी महिला को जबरन धर्मांतरण करवाने के लिए उकसाते आ रहे है। इस रैकेट के जरिए बहरे और गूंगे युवाओं को टारगेट किया जा रहा था।
जानिए, कैसे मन्नू यादव को बनाया गया अब्दुल मन्नान-
इस बीच धर्मांतरण मामले में अब हर रोज नए खुलासे हो रहे है। इसी क्रम में एक बड़ी जानकारी सामने आई है। खास बात ये है कि धर्म परिवर्तन के जरिए चल रहे जेहाद ने किस तरह मूक बधिर को अपना निशाना बनाया है। इनमें से एक है मन्नू यादव। 22 साल का मन्नू यादव कैसे एक एफिडेविट के जरिए अब्दुल मन्नान बना दिया गया। गौर करने वाली बात ये है कि मन्नू यादव मूक बधिर है यानी न वो बोल सकता है और न वो सुन सकता है। लेकिन धर्मांतरण के धंधेबाजों ने पैसे का लालच देकर मूक बधिर मन्नू यादव को अब्दुल मन्नान बना दिया।
मन्नू यादव का सर्टिफिकेट सामने आया है, जिसके मुताबिक मन्नू यादव को इसी साल 11 जनवरी को अब्दुल मन्नान बन गया। मन्नू यादव के धर्म परिवर्तन के प्रमाणपत्र को आप धर्म परिवर्तन के जेहाद का पहला सर्टिफिकेट भी कह सकते हैं। लेकिन इस सर्टिफिकेट को देखकर कई चौंकाने बात सामने आई है। दरअसल सर्टिफिकेट को जारी करने की तारीख अलग-अलग लिखी गई है। ये तारीख एक नहीं दो-दो जगह आप इन सर्टिफिकेट देख सकते है।
सर्टिफिकेट में लिखा है कि मन्नू यादव ने हिंदू धर्म छोड़कर इस्लाम धर्म को स्वीकार किया है और अब से उसका नाम अब्दुल मन्नान हो गया है। इसमें काजी के हस्ताक्षर और Islamic Dawah Center की मुहर लगी हुई है और इसमें लिखा है कि ये प्रमाणपत्र जिले के SDM या नोटरी एफिडेविट के आधार पर जारी किया गया है।