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UP Govt: योगी सरकार में सबकुछ ठीक नहीं? मंत्री दिनेश खटिक ने दिया इस्तीफ़ा, बताई ये वजह

UP Govt: उन्हें बैठकों में बुलाना भी जरूरी नहीं समझा जाता था। सरकार में कुछ खास महत्व नहीं दिया जाता है, जबकि वे अपने कार्य के प्रति समयबद्ध व प्रतिबद्ध रहते थे। यही नहीं, उन्होंने ट्रांसफर के मामलों में कथित रूप से भ्रष्टाचार के भी आरोप लगाए हैं। उन्होंने नामामि गंगे जैसे महत्वाकांक्षी योजना में भी भ्रष्चाचार की बात कही है।

नई दिल्ली। कभी न्यूज़ वेबसाइट, तो कभी अखबार, तो कभी न्यूज चैनलों पर आप मंत्रियों से जुड़े इस्तीफों की खबरों के बारे में आप जरूर पढ़ते होंगे या सुनते होंगे। अमूमन, इस्तीफा देने के पीछे किसी की अपनी मजबूरी होती है, तो किसी की अपनी निजी वजह तो किसी का अपना दर्द भी होता है। जी हां.. बिल्कुल…सही पढ़ा आपने… आज एक ऐसे ही दर्द को बयां करते हुए योगी सरकार में जल शक्ति मंत्री दिनेश खटीक ने अपना इस्तीफा राजभवन को सौंप दिया है। इसके साथ ही उन्होंने अपना इस्तीफा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भी सौंप दिया है, जिसमें उन्होंने खुद के इस्तीफा देने के पीछे की वजह जाहिर की है। उन्होंने अपने इस्तीफा पत्र में बताया है कि किस तरह उन्हें प्रशासनिक समेत राजनीतिक गतिविधियों में महज इसलिए उपेक्षित किया जा रहा है, क्योंकि वे दलित हैं। उन्होंने कहा कि दलित होने की वजह से उनके सहयोगी भी उनसे सही से बर्ताव नहीं करते हैं।

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उन्हें बैठकों में बुलाना भी जरूरी नहीं समझा जाता था। सरकार में कुछ खास महत्व नहीं दिया जाता है, जबकि वे अपने कार्य के प्रति समयबद्ध व प्रतिबद्ध रहते थे। यही नहीं, उन्होंने ट्रांसफर के मामलों में कथित रूप से भ्रष्टाचार के भी आरोप लगाए हैं। उन्होंने नामामि गंगे जैसे महत्वाकांक्षी योजना में भी भ्रष्टाचार की बात कही है। इसके साथ ही उन्होंने उप सचिव का जिक्र कर कहा कि वे बिना मेरी बात को सुने फोन काट दिया करते हैं और जिस तरह का व्यवहार मेरे साथ किया जाता है, वह निंदनीय है, मैं कई बार इसकी शिकायत कर चुका हूं, लेकिन आज तक मेरी शिकायतों पर संज्ञान लेकर उसका निराकरण करना जरूरी नहीं समझा गया है। उन्होंने आगे कहा कि जिस तरह का उपेक्षित व्यवहार मेंरे साथ किया जाता था, वो अपमानजनक था।

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उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा शुरू की गई किसी-भी य़ोजना की जानकारी मुझे नहीं दी जाती थी। जिसकी वजह से मुझे प्रशासनिक गतिविधियों में परेशानी होती थी। बता दें कि इस बीच उन्होंने मीडिया से मुखातिब होने के क्रम में भी अपना दर्द बयां किया है।

 हालांकि, उनके द्वारा लिखे गए पत्र की पार्टी की तरफ से कोई अधिकृत प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। ऐसे में इस पूरे प्रकरण में अधिकृत रूप से कोई भी टिप्पणी करना मुश्किल हो सकता है। अब ऐसे में यह पूरा माजरा आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।