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Uttar Pradesh:  1 जुलाई से ‘दस्तक’ अभियान शुरू करेगा यूपी

Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश 1 जुलाई से ‘दस्तक’ अभियान शुरू करेगा, जो योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा अपनाई गई एक व्यापक सामाजिक और व्यवहार परिवर्तन संचार रणनीति का अहम हिस्सा है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को अन्य विभागों के साथ समन्वय स्थापित करने और इंसेफेलाइटिस, मलेरिया, चिकनगुनिया और अन्य बीमारियों को फैलने से रोकने के लिए आवश्यक व्यवस्था करने को कहा गया है।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश 1 जुलाई से ‘दस्तक’ अभियान शुरू करेगा, जो योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा अपनाई गई एक व्यापक सामाजिक और व्यवहार परिवर्तन संचार रणनीति का अहम हिस्सा है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को अन्य विभागों के साथ समन्वय स्थापित करने और इंसेफेलाइटिस, मलेरिया, चिकनगुनिया और अन्य बीमारियों को फैलने से रोकने के लिए आवश्यक व्यवस्था करने को कहा गया है। स्वास्थ्य कार्यकतार्ओं का राज्य स्तरीय प्रशिक्षण शुरू कर दिया गया है और हर गांव में स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत किया गया है।

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एक सरकारी प्रवक्ता के अनुसार, सभी प्रखंड विकास अधिकारियों (बीडीओ), जिला पंचायत राज अधिकारियों, जिला स्कूल निरीक्षकों, मुख्य चिकित्सा अधिकारियों और सभी विभागों के अधिकारियों को अभियान में अपना समर्थन देने के लिए कहा गया है।

एक सरकारी प्रवक्ता के अनुसार, सभी प्रखंड विकास अधिकारियों (बीडीओ), जिला पंचायत राज अधिकारियों, जिला स्कूल निरीक्षकों, मुख्य चिकित्सा अधिकारियों और सभी विभागों के अधिकारियों को अभियान में अपना समर्थन देने के लिए कहा गया है।

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राज्य सरकार ने देश भर में लगभग 73,000 निगरानी समितियों का गठन किया है जो मौसमी बुखार, वेक्टर और जल जनित बीमारियों के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। इन समितियों से जुड़े 4 लाख से अधिक सदस्य घरों में जाकर लोगों को जागरूक करने में लगे हैं।

राज्य के 3,011 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) और 855 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) में इन बीमारियों के इलाज के लिए पर्याप्त व्यवस्था की गई है।

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मरीजों को चौबीसों घंटे इलाज मुहैया कराने के लिए कुल 592 शहरी पीएचसी को भी अलर्ट रहने को कहा गया है। मरीजों का तत्काल इलाज सुनिश्चित करने के लिए सीएचसी और पीएचसी में फीवर क्लीनिक भी स्थापित किए गए हैं।

इसके अलावा, आशा कार्यकतार्ओं, आंगनबाडी कार्यकतार्ओं, एएनएम और ग्राम प्रधानों को ग्रामीण आबादी को विभिन्न जल जनित और वेक्टर जनित बीमारियों से अवगत कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।