नई दिल्ली। केंद्र में नरेंद्र मोदी और यूपी में योगी आदित्यनाथ की सरकारों के दौर में विधायक की छवि में डॉन मुख्तार अंसारी और माफिया अतीक अहमद के बुरे दिन आए। योगी सरकार ने दोनों के खिलाफ बड़ा अभियान छेड़ा। मुख्तार और अतीक के साथ दोनों के गुर्गों के अवैध निर्माण बुल्डोजर से ढहाए गए। मुख्तार को पंजाब से लाकर बांदा जेल में रखा गया। अतीक अहमदाबाद की साबरमती जेल में कैद है। बीजेपी के राज में दोनों की मुश्किलों का अंत होता नहीं दिख रहा है। अब दोनों को एक केंद्रीय जांच एजेंसी भी घेरे में ले रही है।
सूत्रों के अनुसार प्रवर्तन निदेशालय ED जल्दी ही मुख्तार और अतीक की संपत्ति जब्त कर सकती है। ईडी जानना चाहती है कि उन्होंने आखिर इतनी संपत्ति जुटाई कैसे ? फिलहाल संपत्तियों की छानबीन ये जांच एजेंसी कर रही है। कुछ महीनों पहले ईडी ने डॉन और माफिया के खिलाफ केस दर्ज किया था। जिसके बाद से लगातार वह छानबीन कर रही थी। ईडी ने यूपी पुलिस से मुख्तार और अतीक की जब्त की गई संपत्ति की जानकारी भी ली है।
सूत्रों का कहना है कि ईडी ये पड़ताल भी कर रही है कि दोनों अपराधियों के परिवार के किस सदस्य के नाम कौन सी कंपनी या बैंक का खाता है। यूपी पुलिस पहले ही गैंगस्टर एक्ट के तहत मुख्तार और उसके गिरोह की की लखनऊ, मऊ और वाराणसी की 200 करोड़ से ज्यादा, जबकि अतीक और उसके गुर्गों की लखनऊ, प्रयागराज और कौशांबी में 350 करोड़ से ज्यादा की संपत्तियां जब्त कर चुकी है। अतीक अहमद सांसद भी रहा है। ऐसे में प्रयागराज में एमपी-एमएलए कोर्ट में उसके खिलाफ केस चल रहे हैं। कोर्ट ने अतीक के खिलाफ दो मामलों में आरोप भी तय कर दिए हैं। अतीक का हालांकि कहना है कि दोनों मामलों में उसपर गलत आरोप लगाए गए हैं, लेकिन कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा है कि पहली नजर में अतीक के खिलाफ केस चलाने के काफी सबूत हैं। इससे अतीक की मुश्किल और बढ़ गई है।