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Video: हिमाचल में CM पद को लेकर मंथन से पहले बवाल, प्रतिभा सिंह के समर्थकों ने की जमकर नारेबाजी

चार बजे प्रदेश में विधायक दल की बैठक होने जा रही है। जिसमें सीएम को लेकर फैसला लिया जा सकता है। लेकिन, उससे पहले कुछ ऐसे चेहरे हैं , जिसे मुख्यमंत्री के प्रबल दावेदार के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें प्रमुख रूप से प्रतिभा सिंह का नाम लिया जा रहा है।

नई दिल्ली। हिमाचल का दुर्ग कांग्रेस ने बेशक फतह कर लिया हो, लेकिन पार्टी को जहां इस चुनावी रण में 44 फीसद मत मिले हैं, तो वहीं बीजेपी को 43 फीसद। ऐसी स्थिति में यह कहना बिल्कुल सहज रहेगा कि प्रदेश में कांग्रेस की स्थिति बेहद ही संवेदनशील है। उधर, गुजरात के चुनावी इतिहास में कांग्रेस के पक्ष में अब तक का सर्वाधिक न्यूनतम मत प्रतिशत पड़ा है, लेकिन इन संवेदनशील परिस्थितियों से अनिभिज्ञ हिमाचल की कांग्रेस इकाई में सीएम कुर्सी को लेकर घमासान छिड़ चुका है। बता दें, चार बजे प्रदेश में विधायक दल की बैठक होने जा रही है। जिसमें सीएम को लेकर फैसला लिया जा सकता है। लेकिन, उससे पहले कुछ ऐसे चेहरे हैं, जिसे मुख्यमंत्री के प्रबल दावेदार के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें प्रमुख रूप से प्रतिभा सिंह का नाम शामिल है। उधर, अब खबर है कि प्रतिभा सिंह के घर के बाहर उनके समर्थकों ने जमकर नारेबाजी की है और पार्टी हाईकमान से उन्हें मुख्यमंत्री बनाने की मांग की है।

ध्यान रहे कि प्रतिभा सिंह के समर्थकों ने यह नारेबाजी तब की जब हिमाचल स्थित होटली में प्रतिभा सिंह, भूपेंद्र हुड्डा, छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल और हिमाचल के प्रभारी राजीव शुक्ला के बीच प्रदेश में अगले मुख्यमंत्री को लेकर बैठक चल रही थी। इस बीच यह प्रतिभा के समर्थकों की तरफ यह नारेबाजी की गई। वहीं, इससे पहले प्रतिभा सिंह ने खुद मीडिया से मुखातिब होकर कहा था कि, ‘पार्टी आलाकमान (वीरभद्र सिंह) परिवार की उपेक्षा नहीं कर सकते।

हम उनके नाम, चेहरे और काम के दम पर जीते हैं। ऐसा नहीं हो सकता कि आप उनका नाम, चेहरा और परिवार इस्तेमाल करें और किसी और को श्रेय दें। हाईकमान ऐसा नहीं करेगा। ध्यान रहे, इससे पहले गुरुवार को प्रतिभा ने मीडिया से मुखातिब होने के क्रम में कहा था कि चयनित विधायक ही तय करेंगे कि उन्हें अपना मुखिया किन्हें चुनना है। रही बात मुख्यमंत्री की तो फिलहाल मैं इस पर टिप्पणी नहीं कर सकती हूं कि मुख्यमंत्री की दौड़ में कौन शामिल है।

गौरतलब है कि इस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 68 सीटों में से 40 सीटों पर जीत मिली है। पार्टी को कुल 44 फीसद वोट शेयर मिला है। वहीं बीजेपी को 25 सीटों पर जीत मिली है। इसके अलावा आम आदमी पार्टी अपना खाता खोलने में भी नाकाम रही। हालांकि, हिमाचल में शुरू से ही सत्ता परिवर्तन की परंपरा रही है। शायद इसी सत्ता परिवर्तन का नतीजा है कि आज प्रदेश में कांग्रेस अपनी सरकार बनाने में सफल रही।

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ध्यान रहे, बीजेपी-कांग्रेस के बीच 1 फीसद के वोट शेयर का मार्जिन रहा है, जो कि निसंदेह कांग्रेस के लिए नाजुक स्थिति है। इस नाजुक स्थिति के बीच भी प्रदेश में मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर जारी खींचतान ने पार्टी के लिए मुश्किल स्थिति पैदा कर दी है। अब ऐसी स्थिति में प्रदेश में जारी खींचतान आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।