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Video: मांझी के ब्राह्मण-दलित एकता भोज में हो गया हंगामा; किसी ब्राह्मण की हुई पिटाई तो किसी नहीं मिला दक्षिणा, फिर खड़ा हुआ विवाद

Bihar: माझीं पर आरोप लगाया है कि उन्होंने शर्तों के साथ भोजन करवाने की बात कही। खबरों के अनुसार मांझी ने शर्त रखी कि जो लोग मांसाहारी भोजन और शराब का सेवन नहीं करते या किसी अपराध में शामिल नहीं हैं, उन्हें ही भोज के लिए आमंत्रित किया जाता है।

नई दिल्ली। बिहार के पूर्व  मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी पिछले दिनों ब्राह्मण पर दिए आपत्तिजनक बयान को लेकर सुर्ख़ियों में थे। विवाद अधिक बढ़ा तो माफ़ी मांगी, वो एक बार नहीं कई बार! इसके बाद मांझी ने अपने आवास पर ब्राह्मण-दलित एकता भोज का आयोजन किया। जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए लेकिन इस ब्राह्मण-दलित एकता भोज में एक और विवाद हो गया। इस कार्यक्रम में ब्राह्मण भोज करने पहुंचे लोगों ने आरोप लगाया है कि मांझी के समर्थकों ने उनके साथ मारपीट की और खाना खाने को लेकर जबरदस्ती की है। इतना ही नहीं,माझी के समर्थकों पर आरोप है कि उन्होंने खाना खाने के लिए मजबूर किया, जबकि वे खाना ग्रहण नहीं करना चाहते थे।

manjhi bhojan

आपको बता दे कि सोमवार को मांझी द्वारा आयोजित ब्राह्मण-दलित एकता भोज में खाने के लिए बड़ी संख्या में ब्राह्मण पहुंचे थे। जहां चुरा, दही, तिलकुट (तिल से बनी एक तरह की मिठाई) और सब्जियों की व्यवस्था की गई थी लेकिन ब्राह्मणों ने आरोप लगाया कि मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के समर्थकों ने उनके साथ मारपीट की। ब्राह्मण समुदाय के यश राज ने कहा, ‘जिस तरह से हमें खाना परोसा, उस पर हमने कड़ी आपत्ति जताई। वे हमें खाना खाने के लिए मजबूर नहीं कर सकते। अगर वे हमारा सम्मान नहीं करेंगे, तो हम वहां खाना क्यों खाएंगे? इसलिए, हमने उनके निवास पर भोज का बहिष्कार किया और बाहर आ गए।’

Jeetanram manjhi

दरअसल माझीं पर आरोप लगाया है कि उन्होंने शर्तों के साथ भोजन करवाने की बात कही। खबरों के अनुसार मांझी ने शर्त रखी कि जो लोग मांसाहारी भोजन और शराब का सेवन नहीं करते या किसी अपराध में शामिल नहीं हैं, उन्हें ही भोज के लिए आमंत्रित किया जाता है। यश राज ने कहा “हमने मांझी से पूछा कि वह कौन हैं जो लोगों से पूछे कि हम क्या खाते हैं और क्या नहीं। इस सवाल के बाद मांझी के समर्थकों ने हमारे साथ मारपीट की।’ इतना ही नहीं, कई ब्राह्मणों ने दक्षिणा नहीं देने का आरोप लगाकर हंगामा भी किया।

आपको बता दें कि जीतन राम मांझी ने 19 दिसंबर को पटना में दलितों को संबोधित करते हुए ब्राह्मणों के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि ब्राह्मण हमारे घरों में सत्यनारायण पूजा करते थे, लेकिन वे अपने घरों में खाना नहीं खाते। खाने के बदले हमसे पैसे की मांग करते हैं। जिसके बाद मांझी के चारो तरफ से आलोचना हुई थी।