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Bihar: बाबा बागेश्वर के दौरे को लेकर बिहार में बवाल, अब लालू यादव का आया पहला बयान, कह दी ऐसी बात

नई दिल्ली। बिहार में बाबा बागेश्वर की आमद के बाद सूबे का सियासी पारा अपने चरम पर पहुंच चुका है। राजद जहां बाबा के बिहार दौरे की मुखालफत कर रही है, तो वहीं बीजेपी खुलकर समर्थन कर रही है। यहां तक कि बीजेपी के कई नेता बाबा बागेश्वर के पंडाल में पहुंचे और उनका आशीर्वाद …

नई दिल्ली। बिहार में बाबा बागेश्वर की आमद के बाद सूबे का सियासी पारा अपने चरम पर पहुंच चुका है। राजद जहां बाबा के बिहार दौरे की मुखालफत कर रही है, तो वहीं बीजेपी खुलकर समर्थन कर रही है। यहां तक कि बीजेपी के कई नेता बाबा बागेश्वर के पंडाल में पहुंचे और उनका आशीर्वाद लिया। आज बाबा का पटना में चौथा दिन है। उनके सत्संग में ना महज बिहार, बल्कि नेपाल से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। सभी ने खुद के जीवन में आए अलौकिक परिवर्तन का बखान भी मीडिया के सामने किया। सभी बाबा की भूरी-भूरी प्रशंसा कर रहे हैं, लेकिन सियासी मोर्चे पर बाबा के दौरे का विरोध किया जा रहा है। खासकर राजद बाबा का कुछ ज्यादा ही विरोध कर रही है। शुरू से ही हमलावर रहे तेजप्रताप यादव के पिता लालू यादव ने अब मीडिया से मुखातिब होने के क्रम में बाबा बागेश्वर पर तीखा हमला बोला। आइए, आगे आपको विस्तार से बताते हैं कि उन्होंने क्या कुछ कहा है।

दरअसल, लालू यादव ने मीडिया से मुखातिब होने के दौरान बिना किसी भूमिकाओं के दो टूक कह दिया कि आखिर यह बाबा बागेश्वर हैं कौन? हम तो नहीं जानते हैं। यह भाजपा का प्रचार करने आए हैं। इसके साथ ही लालू ने कर्नाटक चुनाव में BJP की हार पर कहा कि अब बीजेपी का सफाया हो चुका है। अब ऐसी ही स्थिति का सामना बीजेपी को आगामी लोकसभा चुनाव में भी करना पड़ेगा। बता दें कि लालू यादव का बाबा बागेश्वर पर यह पहला रिएक्शन है।वहीं, उनके पुत्र तेजप्रताप यादव ने भी बाबा बागेश्वर पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि यह कौन से बाबा हैं। मैं इस बाबा को नहीं जानता हूं। यह बीजेपी का प्रचार करने आए हैं और समस्त बिहारवासियों का अपमान कर रहे हैं। उन्होंने अपने बयान में कहा कि वे बाबा बिहारियों को गाली देने का काम कर रहे हैं। बिहार में कृष्ण राज्य है, यहां महागठबंधन का राज है।

उन्होंने आगे कहा कि भगवान कृष्ण 16 कलाओं से पूर्ण थे और राम जी 14 कला से ही पूर्ण थे…ये सब देश को तोड़ने के लिए राजनीति की जा रही है। जनता ने कर्नाटक में परिणाम दे दिया है। उधर, इससे पहले बीजेपी नेता गिरिराज सिंह ने नीतीश कुमार पर निशाना साधा था। जिसमें उन्होंने कहा था कि नीतीश कुमार के पास इफ्तार में जाने का समय है, लेकिन सत्संग में जाने का समय नहीं है। उन्होंने आगे तंज कसते हुए कहा कि वहां तो नीतीश बाबू का बिना टोपी पहने काम नहीं चलेगा, लेकिन यहां (हिंदुओं के बीच) तो जात पात करके भी काम चल जाएगा। इसलिए नीतीश कुमार बाबा बागेश्वर धाम में जाने गुरेज कर रहे हैं। बता दें कि बाबा बागेश्वर धाम के संत्सग को लेकर बिहार में बवाल मचा हुआ है। जहां बीजेपी इस सत्संग का खुलकर समर्थन कर रही है, तो वहीं राजद सहित अन्य दल इसका विरोध कर रहे हैं। वह बाबा पर धर्म के नाम की राजनीति करने और परोक्ष रूप से बीजेपी का प्रचार करने का आरोप लगा चुके हैं। ध्यान रहे कि बाबा बागेश्वर बीते दिनों अपने भाषण में हिंदू राष्ट्र की मांग करते हुए नजर आए थे, जिसका कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों की ओर से विरोध किया गया था। बहरहाल, अब जिस तरह से बिहार में बाबा बागेश्वर धाम के दौरे को लेकर सियासी पारा अपने चरम पर पहुंच चुका है। ऐसी सूरत में अब यह पूरा माजरा आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।

आपको बता दें कि इससे पहले बीते दिनों अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति ने बाबा पर लोगों के बीच अंधविश्वास फैलाने का आरोप लगाया था, जिसका बाबा ने विरोध भी किया था और स्पष्ट किया था कि वो किसी भी प्रकार का अंध विश्वास नहीं फैला रहे हैं, वो सिर्फ अपने ईष्ट का प्रचार प्रसार कर रहे हैं, जो कि उनका मौलिक अधिकार है। उन्हें यह करने से कोई नहीं रोक सकता है। वहीं, अब उनका सत्संग पटना में आयोजित किया गया है, जहां बड़ी संख्या में लोग पहुंचे हैं, लेकिन जिस तरह से बाबा के दौरे को लेकर राजनीतिक पारा अपने चरम पर पहुंच चुका है। ऐसे में यह पूरा माजरा आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।