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CAATSA India: ये है नए इंडिया की ताकत, रूस से S-400 खरीदने पर भारत को प्रतिबंधों से मिली छूट, अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में बिल पास

CAATSA India: अमेरिका को चीन के बढ़ते आक्रामक रूख को देखते हुए भारत के साथ खड़ा रहना चाहिए। भारत कॉकस के उपाध्यक्ष के तौर पर मैं हमारे देशों के बीच भागीदारी को दृढ़ और सुनिश्चित करने पर काम कर रहा हूं।

नई दिल्ली। अमेरिका की प्रतिनिधि सभा ने भारत को रूस से एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदने के लिए सीएएटीएसए प्रतिबंधों से खास छूट दिलाने वाला एक संशोधित विधेयक कल यानी गुरूवार को पारित कर दिया है। ये विधेयक भारत-अमेरिकी सांसद रो खन्ना द्वारा पेश किया गया था। इस बड़े फैसले से रूस के साथ हथियार खरीदी पर भारत को बड़ी राहत मिलेगी। भारतीय-अमेरिकी सांसद रो खन्ना द्वारा पेश किए गए इस संशोधित विधेयक में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन से भारत को चीन जैसे आक्रामक रुख वाले देश को रोकने में मदद करने के लिए ‘काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सेंक्शंस एक्ट’ (CAATSA) से छूट दिलाने के लिए अपने अधिकार का इस्तेमाल करने का निवेदन किया गया है। राष्ट्रीय रक्षा प्राधिकार कानून के मुद्दे पर सदन में चर्चा के दौरान गुरुवार को ध्वनि मत से ये संशोधित विधेयक पारित कर दिया गया। चर्चा के दौरान खन्ना ने कहा कि ‘अमेरिका को चीन के बढ़ते आक्रामक रूख को देखते हुए भारत के साथ खड़ा रहना चाहिए। भारत कॉकस के उपाध्यक्ष के तौर पर मैं हमारे देशों के बीच भागीदारी को दृढ़ और सुनिश्चित करने पर काम कर रहा हूं। इसका उद्देश्य भारतीय-चीन सीमा पर भारत को अपनी रक्षा सुनिश्चित करना है।’  उन्होंने आगे कहा कि ‘ये संशोधन बहुत महत्वपूर्ण है और इसे देखकर मुझे गर्व हुआ कि इस विधेयक को दोनों दलों के समर्थन से पारित किया गया है।’

सदन में चर्चा के दौरान खन्ना ने कहा कि ‘अमेरिका-भारत भागीदारी से अधिक महत्वपूर्ण अमेरिका के रणनीतिक हित में और कुछ भी इतना जरूरी नहीं है। विधेयक में कहा गया है कि ‘यूनाइटेड स्टेट्स-इंडिया इनिशिएटिव ऑन क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजीस’ (ICET) दोनों देशों में सरकारों, शैक्षणिक समुदाय और उद्योगों के बीच करीबी साझेदारी विकसित करने के लिए एक स्वागत योग्य और बहुत जरूरी कदम है ताकि कृत्रिम बुद्धिमता, क्वांटम कम्प्यूटिंग, जैव प्रौद्योगिकी, एरोस्पेस और सेमीकंडक्टर विनिर्माण में नवीनतम प्रगति को पूर्ण रूप से अपनाया जा सके।’

विधेयक में आगे कहा गया कि ‘इंजीनियर और कम्प्यूटर वैज्ञानिकों के बीच ऐसी भागीदारी ये सुनिश्चित करने में अहम है कि अमेरिका और भारत के साथ दुनियाभर में दूसरे लोकतांत्रिक देश नवोन्मेष और तकनीकी प्रगति को बढ़ावा दे सकें, ताकि ये रूस और चीन की प्रौद्योगिकी को पीछे कर सकें।

साल 2017 में पेश किए गए सीएएटीएसए के तहत रूस से रक्षा और खुफिया लेन-देन करने वाले किसी भी देश के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने का प्रावधान है। इस नियम को साल 2014 में क्रीमिया पर रूस के कब्जे और 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में मॉस्को के कथित हस्तक्षेप के जवाब के रूप में लाया गया था।