नई दिल्ली। कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम अपने एक ट्वीट की वजह से सोशल मीडिया यूजर्स का एक बार फिर निशाना बन रहे हैं। प्रमोद कृष्णम ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर ही सवाल उठा दिए। कांग्रेस नेता ने एक ट्वीट किया और उसमें लिखा कि ‘अदालत से “बरी” होने का मतलब “बे गुनाही” नही होता।’ नाम तो इसमें प्रमोद कृष्णम ने किसी का नहीं लिया, लेकिन साफ है कि उनका निशाना पीएम नरेंद्र मोदी ही हैं। दो दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में गुजरात दंगों में मोदी के नाम को जबरन घसीटने की बात कही थी। प्रमोद कृष्णम ने इसी फैसले पर सवाल उठाए।
अदालत से “बरी”
होने का मतलब “बे गुनाही”
नही होता.— Acharya Pramod (@AcharyaPramodk) June 26, 2022
प्रमोद कृष्णम के ट्वीट करते ही सोशल मीडिया यूजर्स उन पर भड़क गए। तमाम यूजर्स ने उन्हें खरी-खोटी सुनाई। यूजर्स ने ये भी कहा कि आपकी अदालत तो सोनिया गांधी के घर 10 जनपथ पर है। वहीं से दिया गया फैसला आप लोग मानते हैं। इसके अलावा यूजर्स ने ये भी पूछा कि अगर अदालत से बरी होने का मतलब बेगुनाही नहीं होता, तो अदालतें आखिर बनाई क्यों जाती हैं। कुछ यूजर्स ने ये भी कहा कि अभी अपनी तपस्या बढ़ाइए। आपको कांग्रेस आलाकमान चौथी क्लास के चमचे से ज्यादा अभी कुछ नहीं समझता है।
बता दें कि आचार्य प्रमोद कृष्णम पहले भी अपने ट्वीट्स की वजह से सोशल मीडिया पर यूजर्स के निशाने पर रहते रहे हैं। बीते दिनों प्रमोद कृष्णम ने राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस का टिकट न मिलने पर भी अपनी नाराजगी जताई थी। इसके बाद भी यूजर्स ने उन्हें फटकारा था। यहां तक कि एक ट्वीट पर कांग्रेस के मीडिया मामलों के प्रमुख जयराम रमेश तक ने उनको फटकार लगाई थी। बहरहाल, आप नीचे पढ़िए कि अदालत के फैसले पर सवाल उठाकर आचार्य प्रमोद कृष्णम किस तरह यूजर्स का निशाना बने और उनको क्या फटकार लगी…
बेगुनाही के प्रमाणपत्र जारी करने के लिए ईश्वर ने एकमात्र ‘आचार्य प्रमोद कृष्णम’ को ही अधिकृत कर रखा है…! ? ? ? ?
— डॉ० दिनेश सहरावत ☸️ (@DrSaharawat) June 26, 2022
।। तुम लोग अदालत से उपर हो क्या? या 10 जनपथ से सर्टिफिकेट लेना पडेगा? जब किसी एजेन्सी का बुलावा आता है? हाय-तौबा मचा देते है? दिमाग से ये भुत उतार दो की भारत आपकी बपौती मिल्कियत है? बल्कि ये देश 135 करोड देशवासीयो का है?
— #३ह गणेशभाई प्रजापति(कुमावत ) अहमदाबाद#३ह (@GANESHB41394405) June 26, 2022
और आचार्य लिखने का मतलब “मौलाना आचार्य” बन गए ऐसा नही होता pic.twitter.com/BuU9N0Zddy
— पर्यावरण प्रेमी, समीर (19 वर्ष) 2.0 (@Iam_Samir_2) June 26, 2022
खटाई जी
तपस्या थोड़ा बढ़ाओ , अभी भी दस जनपथ में तुमको क्लास 4 के चमचे से ज्यादा कुछ नहीं समझा जाता ,— सचिन पर्जन्य (@parjanysachin) June 26, 2022
गुजरात दंगों में मोदी जी जी का हाथ था जैसा झूठ गढ़ने के पीछे UPA सरकार के समय बनी सोनिया गांधी की NAC की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए। आखिर इस गहरी साजिश का पर्दाफाश अब होना ही चाहिए।
— RAVISH KALRA (@ravishkal) June 26, 2022
10 जनपथ का पालतू चमचा
— Rohit Chaudhary ?? (@RkChaudhary_12) June 26, 2022